मजहब की आड़ लेकर एक जमाने से सार्वजनिक भूमि पर कब्जा किया जाता था. सड़क के किनारे अतिक्रमण करके कई जगहों पर मजार बना दी गई.धीरे–धीरे विस्तार करके सड़क की कीमती जमीन को कब्जा कर लिया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मजहबी खेल को बंद करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह के सभी अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में इस तरह के अतिक्रमण को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है.
उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थल पर अतिक्रमण कर बनाए गए ‘धार्मिक’ स्थलों को हटाने के लिए अब कानून बनाया जाएगा. राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस सम्बन्ध में सिफारिश की है. राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.एन मित्तल व सचिव सपना त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्तावित कानून का प्रारूप दिया है.
इस विधेयक को रेगुलेशन आफ पब्लिक रिलीजियस स्ट्रक्चर (आन पब्लिक प्लेसेस) के नाम से जाना जाएगा. शीघ्र ही गृह विभाग व न्याय विभाग कानून के प्रारूप पर विचार–विमर्श करेंगे. अवैध रूप से अतिक्रमण कर किसी ‘धार्मिक’ स्थल को बनाए जाने के मामलों में दोषियों के विरुद्ध तीन वर्ष तक की सजा का भी प्रवधान किए जाने की संस्तुति की गई है. प्रस्तावित कानून में यह भी कहा गया है कि होली, मोहर्रम या अन्य त्योहारों के अवसर पर सार्वजनिक स्थल का इस्तेमाल निर्माण की श्रेणी में नहीं माना जाएगा.
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