पाकिस्तान दिवस से ठीक पहले चार पश्तून युवकों की हत्या की खबर है। पाकिस्तान दिवस पर उसके चर्चित गायक अली ज़फर ने यूट्यूब पर एकता पर आधारित एक गाना जारी कर पाकिस्तानी झंडे के नीचे वहां के सभी मत—पंथों के लोगों को एक ही झंडे के नीचे होने की बात कही थी। मगर वास्तविकता कुछ और है। प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नए पाकिस्तान’ में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने की घटनाएं घटने की बजाए निरंतर बढ़ रही हैं। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय दबाव का भी उस पर असर नहीं हो रहा। भारत का विदेश मंत्रालय भी अल्पसंख्यकों के प्रताड़ित करने की घटना पर अपना विरोध जताता रहा।
मगर लगता है पाकिस्तानी हुक्मरान और वहां की सेना दोनों मिलकर अल्पसंख्यकों को खत्म करने पर आमादा हैं। इस बार पश्तून समुदाय के लोग इनके अत्याचार का निशाना बने हैं। खैबर पख्तूनख्वा के जानी खेल क्षेत्र में चार पश्तून युवकों की सड़ी गली अवस्था में लाश मिली है। इस घटना से इलाके के लोगों में भारी आक्रोश है। सरकार और सेना के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बर्बरता पर इमरान खान और उनकी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। इन युवकों की एक अज्ञात हमलावर ने हत्या कर दी और लाश को नजदीकी कब्रिस्तान में फेंक दिया। इन चार शवों में से एक शव का सिर गायब है। उत्तरी वजीरिस्तान जिले में पाकिस्तानी सेना की भारी मौजूदगी के बावजूद हुई इस घटना को लेकर रोष व्याप्त है। यहां पश्तून समुदाय के लोगों को अक्सर निशाना बनाया जाता है।
समाचारों के अनुसार यहां पाकिस्तानी सेना खुद ही पश्तून समुदाय के लोगों के खिलाफ नरसंहार कर रही है। रविवार को ग्रामीणों ने जिले के वजीरवारिगनी गांव स्थित एक कब्रिस्तान से चार युवकों के शव को बरामद किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने इन युवकों को गोली मारी थी। मरने वाले इन युवकों की उम्र 18 से 20 साल के बीच बताई गई है। आरोपियों ने इनकी हत्या के बाद शवों को गांव के एक कब्रिस्तान में ले जाकर फेंक दिया इनमें से एक शव को बिना सिर के बताया गया है। शवों को जिला मुख्यालय अस्पताल में पोस्टमार्टम और पहचान के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
वहीं उत्तरी वजीरिस्तान से सांसद मोहसिन दवार ने कहा कि सड़ी गली अवस्था में चार युवकों के शव को बरामद किया गया है। जिले के जानी खेल में स्थित सेना के किले के सामने युवकों के शवों को रखकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। क्षेत्र में सेना की भारी उपस्थिति के बावजूद भी पश्तून लोगों को बेरहमी से मारा जा रहा है जिस कारण स्थानीय लोगों में सेना के खिलाफ आक्रोश पाया जा रहा है। पाकिस्तान सेना पर बाल्टिस्तान के इलाके में भी युवकों के अपहरण और हत्या के आरोप लगते रहे हैं। अब तो ऐसी खबरें सिंध प्रांत से भी आने लगी हैं।
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