पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने की एक और बड़ी खबर सामने आई है। अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय की एक मस्जिद पर महजबी कट्टरवादियों की भीड़ ने हमला कर दिया और उसमें भारी तोड़-फोड़ की। आरोप है कि उस दौरान वहां मौजूद पुलिस वाले तमाशाई बने सब कुछ देखते रहे, पर कोई कार्रवाई नहीं। इससे पहले अहमदियाओं के घरों पर गोली बारी की घटना सामने आ चुकी है। दोनों ही घटनाएं पांच दिनों के भीतर सामने आईं।
ताजी घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला जिले स्थित गरमोला विक्रम गांव की है। यहां बहुसंख्यक सुन्नी समुदाय की भीड़ ने अल्पसंख्यक अहमदिया की मस्जिद पर हमला कर दिया। सुन्नी अहमिया को मुसलमान नहीं मानते। इस घटना से संबंधित दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक में कुछ लोगों को मस्जिद पर चढ़कर उसके गुंबद, मीनार को तोड़ते दिखाया जा रहा है। वीडियो फुटेज में एक बड़ी आपत्तिजनक बात यह भी है कि मस्जिद के उपर जहां ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मोहमदररसूलुल्लाह’ दिखा था, उसे भी आक्रमणकारी ढहाते दिखे।
घटना से संबंधित एक अन्य वीडियो में कुछ लोग पैबंगर मोहम्मद और कलमा को लेकर नारे लगाकर खुशी का इजहार करते दिखाई दे रहे थे। दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करने वाले वाॅयस आॅफ पाकिस्तान माइनाॅरिटी ट्विटर हैंडल ने खुशी मनाने वालों के बारे में दावा किया है कि ये लोग भी मस्जिद में तोड़-फोड़ में शामिल थे। उनके चेहरों देखकर लगता है कि उन्हें मस्जिद तोड़ने का तनिक भी अफसोस नहीं। वे घटना के बाद बेशर्मी पर उतर आए हैं। इस ट्विटर हैंडल से पाकिस्तान सरकार से इंसाफ दिलाने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई है।
ज्ञात हो कि घटना से मात्र पांच दिन पहले 13 मार्च को पेशवार के वाजिद खेल गांव में रात के अंधेरे में तीन अहमदिया समुदाय के घरों पर अज्ञात लोगों ने गोली बारी की थी। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। मगर एक के बाद एक दो बड़ी घटनाओं से पाकिस्तान का अल्पसंख्यक समुदाय बुरी तरह डरा हुआ है।
https://twitter.com/voice_minority/status/1372442680194662400
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