हरियाणा के कुरुक्षेत्र में तीन दिवसीय मां सरस्वती अंतरराष्ट्रीय महोत्सव विधिवत संपन्न हुआ। इस पुनीत कार्यक्रम का शुभारंभ आध्यात्मिक स्थली आदिबद्री में 14 फरवरी को को हुआ। जिसमें 21 कुंडीय यज्ञ के साथ-साथ 27 नक्षत्रों पर आधारित पौधारोपण भी किया गया। जिस का समापन 16 फरवरी बसंत पंचमी के पावन पर्व पर पवित्र स्थल पेहवा में समापन हुआ । कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री रतन लाल कटारिया, सांसद नायब सिंह सैनी , खेल मंत्री संदीप सिंह, सुभाष सुधा विधायक,त्रिनिदाद एवं टोबैगो के उच्चायुक्त डॉक्टर रोजर गोपाल उनकी धर्मपत्नी अनीता गोपाल, सरस्वती हेरिटेज के धूमन सिंह किरमच, प्रशासनिक अधिकारी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में भागीरथ प्रयास कर सरस्वती की पावन धरा को फिर से प्रवाहित करने का जीवन पर्यंत कार्य करते रहे दर्शन लाल जैन जी को उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया गया व उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी गई।
धूमधाम से मनाया गया महोत्सव- अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया । आदि बद्री के साथ कुरुक्षेत्र स्थित विद्या भारती परिसर में वर्चुअल संगोष्ठी भी आयोजित की गई जिस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल नहीं भी शिरकत की। उन्होंने कहा माता सरस्वती सुबह पूजनीय है जो ज्ञान की देवी के साथ-साथ समृद्धि का प्रतीक भी है सरस्वती के किनारे हैं हमारे पुनीत ग्रंथों का लेखन कार्य किया गया है। हम इस बात से संकल्प इस पावन धरा को भुलाने में हर संभव प्रयास करेंगे। सभी उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही सरस्वती के किनारे स्थित सैकड़ों गांवों में भी लोगों ने पूजा अर्चना कर माता सरस्वती को नमन किया और खुशी जाहिर की कि क्षेत्र में फिर से पावन धारा प्रवाहित होगी। कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि पवित्र नदी सरस्वती ज्ञान, सभ्यता संस्कृति और जीवन दायिनी के रूप में जानी जाती हैं। इसकी पूजा अर्चना करने से अंधकारमय जीवन में प्रकाश होने लगता है। पृथ्वी पर इस की पावन धारा जब बहने लगेगी तो सभी क्षेत्रों में समृद्धि के नए आयाम पनपने लगेंगे।
क्या है योजना
जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है तभी से इस पावन नदी के प्रवाह को प्रवाहित करने को लेकर कार्य किया जा रहा है। इससे पूर्व दिवंगत महान व्यक्तित्व के धनी दर्शनलाल जैन ने इस और सभी का ध्यान आकर्षित किया तथा अनेक प्रयासों से उन्होंने इस क्षेत्र के बारे में जाना, जहां से यह धारा प्रवाहित होती रही है। नासा के द्वारा मिले चित्रों से भी इस के मार्ग को खोजा गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार इस पावन धरा को धरातल पर लाने के लिए सतत कार्यशील है और हर कदम उठाकर इसे सार्थक बनाने की विषय में गतिशील है। इसी हेतु सर्वप्रथम सरस्वती हेरिटेज बोर्ड का गठन किया गया ताकि कार्य को गति सुचारू रूप से दी जा सके। इसके साथ ही आदि बद्री में बांध और बैराज को बनाने के लिए भी योजना जारी है जिसका डिजाइन 31 मार्च 2021 तक पूरा किया जाने का पूर्ण विश्वास है। इस हेतु हिमाचल सरकार से भी एनओसी जैसी प्रक्रिया पूरी की जा रही हैं और हरियाणा और हिमाचल सरकार के बीच एम ओ यू पर कार्य को गति दी जाएगी। इस योजना में पहले बांध बनाया जाएगा और फिर उसके नीचे सरस्वती बैराज का निर्माण होगा। जिसे सोम नदी के साथ जोड़ा जाएगा। गांव रामपुर सहित तीन गांवों में 400 एकड़ जमीन पर सरस्वती सरोवर के लिए प्रस्ताव पारित किया है।
संगोष्ठी में विद्वानों ने किया मंथन
कुरुक्षेत्र के विद्या भारती प्रांगण में मां सरस्वती संस्कार संस्कृति एवं समृद्धि विषय पर वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन हुआ ।जिसमें परम पूजनीय संत ज्ञानानंद सहित अनेक संतो ने अपना उद्बोधन दिया और मां सरस्वती की अपार महिमा के बारे बतायज्ञं प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी मार्गदर्शन एवं उद्बोधन किया। उन्होंने कोटि-कोटि जनों की आस्था के साथ साथ मां सरस्वती को संस्कृति संस्कार और समृद्धि का प्रतीक बताया और कहां धरातल पर प्रवाहित होने से प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे । इसके साथ ही डॉ रामेंद्र सिंह , डॉक्टर राधेश्याम शर्मा, डॉ प्रीतम सिंह, डॉ ऋषि पाल, धर्मवीर मिर्जापुर, राजकुमार सैनी, सुशील राणा, मदन मोहन छाबड़ा सहित अनेक गणमान्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, हिंदू संस्कृति के अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
टिप्पणियाँ