महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का 22 जुलाई को जन्मदिन है। इससे पहले उन्होंने बीजेपी के सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे उनके जन्मदिन पर होर्डिंग, बैनर पर पैसा न खर्च करें और न ही अखबारों और टेलीविजन पर विज्ञापन प्रकाशित करें। अगर कोई होर्डिंग, बैनर या विज्ञापन लगाता है, तो पार्टी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। फडणवीस ने उनके जन्मदिन पर होर्डिंग, बैनर, अखबारों और टेलीविजन के विज्ञापन पर खर्च होने वाली राशि को मुख्यमंत्री सहायता निधि में दान करने को कहा है, ताकि इसके माध्यम से मरीजों के इलाज में मदद मिल सके।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने सोमवार (21 जुलाई) को मीडिया से कहा, “मैं इतने सालों में हमेशा से सभी को यही कहता रहा हूं कि मेरे जन्मदिन पर बैनर और होर्डिंग न लगाएं। उसकी जगह कोई रचनात्मक कार्य करें। इस बार मैंने सभी लोगों से यही कहा है कि होर्डिंग और बैनर पर खर्च करने के बजाय वो सारा पैसा मुख्यमंत्री सहायता निधि में दान करें, जिससे मुझे मुख्यमंत्री सहायता निधि के माध्यम से मरीजों के इलाज में मदद सके।”
क्या है मुख्यमंत्री सहायता निधि
मुख्यमंत्री सहायता निधि अर्थात मुख्यमंत्री राहत कोष का उद्देश्य महाराष्ट्र के साथ-साथ देश भर में आपदा पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करना है। बाढ़, सूखा, आग से होने वाली दुर्घटनाओं जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित नागरिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाती है। सहायता निधि फंड दफ्तर संभालने वाले रामेश्वर नाइक के मुताबिक, अभी तक महाराष्ट्र में जिसको भी इस फंड से सहायता की जरूरत होती थी, उन्हें मुंबई आना होता था, जहां पर इसका कार्यालय है। महाराष्ट्र के कोने-कोने से, गांव से लोग आकर इस निधि से सहायता पाने के लिए चक्कर काटते थे। इस दौरान उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस फंड से सहायता किसको दी जाए इसकी भी जानकारी हमें समय पर नहीं पहुंच पाती थी। इन समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के हर जिले में एक केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। यह ऑनलाइन प्रक्रिया होगी, जिससे सीएमओ दफ्तर को पीड़ित व्यक्ति की जानकारी तुरंत मिल जाएगी, फिर यहां के लोगों को कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
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