उत्तराखंड में फर्जी अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: मुख्यमंत्री धामी ने दिए गहन जांच के निर्देश

उत्तराखंड में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर फर्जी अल्पसंख्यक छात्रों के नाम पर घोटाले का खुलासा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 17 संदिग्ध संस्थाओं की गहन जांच के आदेश दिए। फर्जी दस्तावेजों से करीब 1 करोड़ का घपला सामने आया।

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उत्तराखंड ब्यूरो

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल पर दर्ज फर्जी अल्प संख्यक छात्रों को दिए गए वजीफों के मामले में पूरी गहनता से जांच पड़ताल किए जाने के निर्देश दिए हैं। श्री धामी ने कहा है कि फर्जी मदरसों और विद्यालयों के नाम पर ये घोटाला पहली नजर में संदेह पैदा करता है जिसकी जांच पड़ताल कराई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृति के 92 संस्थाओं के दस्तावेज दर्ज हुए थे। ये संस्थाएं राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल पर अपने आप को पंजीकृत कराती है और छात्रवृति सीधे बेनफिशियरी के बैंक खातों में आती है। इनमें से 17 संस्थाओं की भूमिका संदेहजनक पाए जाने पर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार को सूचित करते हुए इनके सत्यापन किए जाने का पत्राचार किया है।

संस्कृत विद्यालय और संचालक मुस्लिम

खास बात ये है कि इन 17 में से उधम सिंह नगर जिले में किच्छा के सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल का भी जिक्र किया गया और रुद्रप्रयाग के वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय का जिक्र किया गया जिसे नसरुद्दीन नाम का मुस्लिम व्यक्ति संचालक बताया गया है। जबकि किच्छा का शिशु मंदिर का संचालक भी मुस्लिम मोहम्मद शरिक और अतीक बताए गए है। उधम सिंह नगर में ही 796 बच्चों में से 456 फर्जी निकलने की खबर संज्ञान में आई है।

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रुद्रप्रयाग में जिस संस्कृत महाविद्यालय की खबर जानकारी में आई है वहां बंगाल के 24 परगना जिले की रहने वाली  मुस्लिम छात्राओं के दस्तावेज यहां से दर्ज किए गए है।ऐसे ही कुछ मामलों को लेकर 92 संस्थाओं को संदेह के घेरे में लिया गया है जिनमें से 17 के खिलाफ जांच में घपला पहली नजर में दिखलाई देता है। ये सभी मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा संचालित फर्जी संस्थाएं बताई जा रही है, जहां फर्जी दस्तावेजों आधार कार्ड को पोर्टल पर दर्ज करवा कर वजीफों की रकम डकार ली गई है। खबर ये भी है उत्तराखंड में हुई जांचपड़ताल के बाद अन्य राज्यों से भी इस तरह के मामले उजागर हुए है।

इन मामलों में स्थानीय अल्पसंख्यक या समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की क्या भूमिका रही है। इसकी भी जांच अब की जा रही है। इस बारे में केंद्र सरकार ने 7 बिंदुओं पर जांच करने तथा फर्जी मामलों की पहचान कर उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने को कहा गया है। जानकारी के मुताबिक ये फर्जी छात्रवृति का घोटाला करीब एक करोड़ रु का बताया जा रहा है,जिनमें ज्यादातर मदरसे और मुस्लिम अल्पसंख्यक विद्यालयों के नाम सामने आ रहे है।

अल्पसंख्यक कल्याण सचिव का बयान

उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण के विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते का कहना है कि केंद्र से मिली सूचनाओं के आधार पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गहनता से जांच पड़ताल किए जाने के निर्देशों के क्रम में शासन और जिला प्रशासन छात्रवृति मामलों को देखा जा रहा है।केंद्र और राज्य मिलकर इस मामले को देख रहे हैं।

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