उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ में कन्वर्जन का जाल: 97 महिलाएं लापता, खुफिया एजेंसियां सक्रिय, क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा, 97 महिलाएं लापता। पुलिस ने 6 राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया, विदेशी फंडिंग और लव जिहाद के तार जुड़े।

Published by
Kuldeep Singh

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक बड़े धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी है। खबरों के मुताबिक, इस नेटवर्क ने कई महिलाओं को अपने जाल में फंसाया, जिनमें से 97 महिलाएं लापता बताई जा रही हैं। इस मामले ने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। यह नेटवर्क न सिर्फ अलीगढ़ बल्कि प्रदेश के कई हिस्सों में फैला हुआ था, और इसके तार विदेशों से भी जुड़े होने की आशंका है।

कैसे शुरू हुआ यह खुलासा?

यह मामला तब सामने आया जब आगरा में दो बहनों, जिनकी उम्र 33 और 18 साल थी, के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई। जांच में पता चला कि इन बहनों को एक संगठित गिरोह ने निशाना बनाया था, जो तथाकथित “लव जिहाद” और कट्टरपंथ के जरिए धर्मांतरण करवाता था। एक बहन ने सोशल मीडिया पर AK-47 राइफल के साथ एक लड़की की तस्वीर प्रोफाइल पिक्चर बनाई थी, जिसने पुलिस का ध्यान खींचा। जांच आगे बढ़ी तो इस नेटवर्क की गहरी जड़ें सामने आईं।

इसे भी पढ़ें: विश्व हिंदू परिषद बैठक 2025 : हिंदू समाज को विखंडित करने वाली शक्तियों को देंगे करारा जवाब – आलोक कुमार

नेटवर्क का काम करने का तरीका

इस गिरोह का काम करने का तरीका बेहद सुनियोजित था। अलग-अलग मॉड्यूल बनाए गए थे: एक ग्रुप फंडिंग जुटाता, दूसरा लोगों को कट्टरपंथ की ओर धकेलता, और तीसरा उन्हें छिपाने की व्यवस्था करता। गिरोह में शामिल लोग फंडिंग, सुरक्षित ठिकाने, कानूनी सलाह और नई सिम कार्ड जैसी सुविधाएं मुहैया कराते थे। खासकर गरीब और कमजोर तबके की महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। कुछ मामलों में महिलाओं को डराने-धमकाने और शारीरिक शोषण का भी सहारा लिया गया।

पुलिस और एजेंसियों की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए छह राज्यों—राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और दिल्ली—से 10 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से कुछ लोग फंडिंग का इंतजाम करते थे, तो कुछ ब्रेनवॉश करने में माहिर थे। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एंटी-टेरर स्क्वॉड (ATS) इस जांच में शामिल हैं। खुफिया एजेंसियां भी इस नेटवर्क के विदेशी कनेक्शन, खासकर अमेरिका और कनाडा से आने वाली फंडिंग की जांच कर रही हैं।

छांगुर बाबा का कनेक्शन

इस नेटवर्क में छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का नाम भी सामने आया है, जिसे पहले ही ATS ने गिरफ्तार किया था। छांगुर ने लखनऊ में भी धर्मांतरण का एक अड्डा बना रखा था। उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए। यह गिरोह 15 साल से ज्यादा समय से सक्रिय था और हनी-ट्रैपिंग, प्रशासनिक दबाव और नाबालिगों को निशाना बनाने जैसे हथकंडे अपनाता था।

महिलाओं की स्थिति और समाज पर प्रभाव

लापता 97 महिलाओं के परिवार सदमे में हैं। कुछ महिलाओं ने धर्मांतरण के बाद धमकियां मिलने की शिकायत की है। यह मामला न सिर्फ कानूनी बल्कि सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “राष्ट्र-विरोधी” गतिविधि करार देते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

आगे क्या?

पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। विदेशी फंडिंग और संभावित आतंकी कनेक्शन की जांच तेज कर दी गई है। समाज में जागरूकता और सख्त कानूनी कदमों से ही इस तरह के नेटवर्क को रोका जा सकता है।

Share
Leave a Comment