उत्तर प्रदेश

मौलाना छांगुर की कोठी निकली टेरर फैक्ट्री: ISI से कनेक्शन, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की रच रहा था साजिश

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में कन्वर्जन और आतंकी गतिविधियों में शामिल जलालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।

Published by
Mahak Singh

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में रहने वाला मौलाना  छांगुर उर्फ जलालुद्दीन, देश के लिए एक गंभीर खतरा बनता जा रहा था। एटीएस (ATS) की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे साफ पता चलता है कि वह लंबे समय से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल था।

एटीएस की एफआईआर के अनुसार मौलाना छांगुर अपने आलीशान मकान को आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप में बदलना चाहता था। उसका मकसद देश में आतंक फैलाना और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना था। पूछताछ में छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन ने कई चौंकाने वाली बातें बताईं। जांच एजेंसियों को जानकारी मिली कि छांगुर का कनेक्शन नेपाल के रास्ते आईएसआई से था। विदेशी फंडिंग के जरिए वह महंगी गाड़ियां खरीद रहा था और नेपाल सीमा से सटे इलाकों में जमीन लेकर टेरर कैंप बनाने की योजना बना रहा था।

भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की थी तैयारी

ईडी की जांच में नीतू के कमरे से एक लाल डायरी बरामद हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मियों, राजस्व अधिकारियों और नेताओं के नाम दर्ज हैं। माना जा रहा है कि ये वे लोग हैं जो छांगुर से पैसे लेकर उसके काम करवाते थे। इस डायरी में लेन-देन की पूरी जानकारी है। छांगुर ने “दारूल इस्लाम गुफा” नाम से एक मदरसा बनवाया था, जहां विदेश से आए लोग युवाओं को प्रशिक्षण देते थे। इस मदरसे में भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने और शरिया कानून लागू करने की शिक्षा दी जाती थी।

‘गजवा-ए-हिंद’

मौलाना छांगुर देश की आबादी के ढांचे को बदलने के मकसद से कई जगह जमीनें भी खरीद रहा था। उसकी योजना थी कि लोकतंत्र खत्म कर शरिया कानून लागू किया जाए। वह नेपाल के रास्ते भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ की विचारधारा फैलाना चाहता था। मौलाना छांगुर का एक खास सहयोगी गोंडा का एक होटल व्यवसायी बताया जा रहा है, जो नेपाल में व्यापार करता है और छांगुर की नेपाल यात्रा में मदद करता था। इस होटल व्यवसायी से भी एटीएस जल्द पूछताछ करेगी।

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एसटीएफ ने छांगुर के सबसे विश्वस्त भतीजे सबरोज को उतरौला बस स्टेशन के पास से हिरासत में लिया। कोतवाली में कई घंटों तक पूछताछ की गई। सबरोज पहले भी कन्वर्जन के केस में आजमगढ़ से गिरफ्तार हो चुका है। उसकी कॉल डिटेल और पूछताछ के बाद कई नई जानकारियाँ मिली हैं। उससे पूछताछ जारी है और दो अन्य रिश्तेदारों की तलाश की जा रही है। यह मामला स्पष्ट करता है कि छांगुर भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुका था और उसकी योजनाएं बेहद खतरनाक थीं। एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने और देश को सुरक्षित रखने में जुटी हैं।

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