18 जुलाई 2025 की सुबह दिल्ली के पश्चिम विहार में रिचमंड ग्लोबल स्कूल में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब स्कूल को सुबह 4:55 बजे एक ईमेल मिला, जिसमें दावा किया गया कि स्कूल परिसर में बम रखा है। इस खबर से स्कूल प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। उसी दिन रोहिणी के अभिनव पब्लिक स्कूल को भी ऐसी ही धमकी भरा ईमेल मिला। दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में ऐसी धमकियों का सिलसिला नया नहीं है, और इससे अभिभावकों व स्कूल कर्मचारियों में डर का माहौल है।
पुलिस और प्रशासन का कदम
रिपोर्ट्स के अनुसार, धमकी मिलते ही दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता, श्वान दस्ता और दमकल विभाग की टीमें तुरंत स्कूल पहुंचीं। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल को खाली करवाया गया और सभी छात्रों को घर भेज दिया गया। पुलिस ने स्कूल के हर हिस्से की गहन जांच की, लेकिन अब तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। जांच पूरी होने तक स्कूल में किसी के प्रवेश पर रोक है। दिल्ली पुलिस की विशेष सेल इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती जांच से संकेत मिले हैं कि ईमेल किसी विदेशी सर्वर से भेजा गया हो सकता है, जैसा कि पहले की घटनाओं में देखा गया।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
दिल्ली में स्कूलों को बम धमकियां मिलना कोई नई बात नहीं है। हाल ही में 16 जुलाई 2025 को रिचमंड ग्लोबल स्कूल सहित पांच स्कूलों को ऐसी धमकियां मिली थीं। दिसंबर 2024 में 40 से अधिक स्कूलों को $30,000 की फिरौती मांगने वाले ईमेल मिले थे, जो बाद में फर्जी पाए गए। कुछ मामलों में पता चला कि ये धमकियां स्कूल के बच्चों ने मजाक में भेजी थीं। बार-बार हो रही इन घटनाओं ने स्कूलों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है।
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दिल्ली पुलिस की सलाह
पुलिस ने स्कूलों को अपने ईमेल और स्पैम फोल्डर नियमित रूप से जांचने की सलाह दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी स्कूलों को ऐसी धमकियों से निपटने के लिए एक ठोस कार्ययोजना (SOP) तैयार करने का निर्देश दिया है। पुलिस और प्रशासन यह पता लगाने में जुटे हैं कि इन धमकियों का स्रोत कहां है और इन्हें कैसे रोका जा सकता है।
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क्यों है चिंता?
ये धमकियां न केवल डर का माहौल पैदा करती हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और स्कूल की दिनचर्या को भी बाधित करती हैं। अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। जरूरी है कि पुलिस और प्रशासन जल्द से जल्द इन धमकियों के पीछे के असली कारणों का पता लगाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
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