हरियाणा

‘लव जिहाद का चल रहा आंदोलन, यह देश के लिए खतरा’, कोर्ट ने जताई गंभीर चिंता, शहबाज को भेजा जेल

जगाधरी कोर्ट ने लव जिहाद मामले में शहबाज खान को सात साल की सजा सुनाई। जज ने कहा, यह संगठित अपराध देश की अखंडता के लिए खतरा है। पीड़िता के पिता की शिकायत पर दर्ज हुआ था केस।

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WEB DESK

जगाधरी (यमुना नगर)। लव जिहाद के हजारों अप्रकाशित मामले हो सकते हैं। मुस्लिम पुरूष, हिंदू लड़कियों को बहकाने के इस एजेंडे को गुप्त रूप से चला रहे हैं। दोषी का निर्दोष और भोली-भाली युवा हिंदू लड़कियों को निशाना बनाने का इतिहास रहा है। दोषी ने अत्यंत गंभीर अपराध किए हैं। यदि इस प्रकार के अपराधों को अनियंत्रित रूप से जारी रहने दिया गया तो इससे हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो सकता है।

उक्त टिप्पणी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज रंजना अग्रवाल ने लव जिहाद मामले के दोषी गढी रोड आनंद कालोनी पुराना हमीदा निवासी शहबाज खान उर्फ आशु को सजा सुनाते हुए दी। कोर्ट ने दोषी को धारा 25 (1) बीएनएस के तहत सजाएं क्रमवार भुगतने के आदेश जारी किए। दोषी सात साल कठोर कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। कोर्ट ने दोषी को पोक्सो 8 में चार साल कठोर कारावास व 50 हजार रूपये जुर्माना, पोक्सो 12 में दो साल कठोर कारावास व 30 हजार रूपये जुर्माना तथा 351 (2) बीएनएस में एक साल कठोर कारावास व 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर एक साल नौ महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान है।

क्या है पूरा मामला

जिला न्यायवादी गुलदेव टंडन व एडवोकेट अजय शक्ति गोयल ने केस की पैरवी की। सजा सुनने के बाद दोषी ने रहम की अपील करते हुए कहा कि उसके तीन नाबालिग बच्चे हैं, पत्नी व बूढ़े बीमार माता-पिता हैं। परिवार की देखभल करने वाला कोई नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया। थाना शहर यमुनानगर ने पीड़िता के पिता की शिकायत पर 19 नवंबर 2024 को विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। कोर्ट ने जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले अमीष देवगन वर्सेज यूनियन आफ इंडिया, सीबीआई वर्सेज तपन कुमार सिंह व युवा प्रकाश वर्सेज स्टेट केस का भी हवाला दिया है।

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लव जिहाद को पॉक्सो और BNS में मान्यता नहीं

एडवोकेट गुलदेव टंडन ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि लव जिहाद शब्द को न तो बीएनएस और न ही पॉक्सो में कानूनी मान्यता प्राप्त है। इसका इस्तेमाल राजनैतिक और सामाजिक विर्मश में ज्यादा होता है। इसे आमतौर पर मुस्लिम पुरुषों द्वारा गैर मुस्लिम महिलाओं को प्यार का नाटक करके, उनसे शादी करके और फिर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करके इस्लाम में परिवर्तन करने के कथित अभियान के रूप में संदर्भित किया जाता है।

इस तरह के अन्य मामले भी हो सकते हैं, जो डर व अन्य कारणों की वजह से दर्ज नहीं हो पाते। यह मामला नाबालिग हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों के साथ संबंध बनाने के लिए लुभाने के एक संगठित और व्यवस्थित प्रयास को दर्शाता है। जिसका अंतिम उद्देश्य शादी और इस्लाम में कन्वर्जन करना है। दोषी ने हिंदू लड़की को निशाना बनाया और उसे मुस्लिम लड़के के साथ संबंध बनाने के लिए उत्पीड़न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सच बोलना ही होगा, भले ही वह डरावना हो

केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि यह मामला दर्शाता है कि हरियाणा में लव जिहाद वास्तव में एक वास्तविकता है। हम किसी ऐसी चीज के अस्तित्व को नकार नहीं सकते, जो हमारे देश को नष्ट कर देगी। कभी कभी हम सच नहीं बोलते, क्योंकि यह हमारे समाज में संतुलन बिगाड़ना नहीं चाहते। लेकिन सच तो बोलना ही होगा, भले ही वह डरावना ही क्यों न हो। सच तो यह है कि हरियाणा राज्य में लव जिहाद नामक आंदोलन चल रहा है। इसमें शामिल लोग एक खास एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं। यह चिंता का विषय है।

पीड़िता का पुलिस को बयान

पुलिस को दी शिकायत में पीडिता के पिता ने कहा था कि उसकी 14 वर्षीया बेटी एक प्राइवेट स्कूल में छठी कक्षा की छात्रा है। 18 नवंबर की शाम को बेटी सहमी हुई फोन पर किसी के साथ बात कर रही थी। पूछताछ पर बेटी ने बताया कि विशेष समुदाय का एक नाबालिग लड़का उसका पीछा कर उस पर दोस्त करने का दबाव बना रहा है। हालांकि, वह उसे मना भी कर चुकी है, बावजूद इसके वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक दिन उसने गली में उसका हाथ भी पकड़ लिया था। घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। कोर्ट ने 10 जनवरी को सुनवाई शुरू की और 17 जुलाई को फैसला सुना दिया। मामले में 17 गवाही हुई।

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बेइज्जती का बदला लेने के लिए रचा था षडयंत्र

पुलिस को दिए बयान में शहबाज खान ने कहा था कि वर्ष 2019 में शहर थाना यमुनानगर में उसके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद उसने ठान लिया था कि वह हिंदू लड़की की मुस्लिम लड़के से दोस्ती करवाकर उसे घर से भगाने में मदद करेगा। ताकि उसका बदला पूरा हो सके। इसके लिए उसने यूपी के सहारनपुर के एक गांव के नाबालिग लड़के को इसके लिए तैयार किया। जो कि हमीदा में अपने रिश्तेदारी में रहता है। समुदाय विशेष का नाबालिग लड़का, हिंदू लडकी का स्कूल आते-जाते पीछा करता था। इसके अलावा उसने नाबालिग लड़की पर भी लड़के से दोस्ती करने का दबाव बनाया था।

नाबालिग का जुवैनाइल कोर्ट में विचाराधीन है केस

इस मामले में नाबालिग लड़की का पीछा करने, हाथ पकड़ने व उस पर दोस्ती का दबाव बनाने के आरोपित का केस जुवैनाइल कोर्ट में विचाराधीन है।

 

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