दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले की पुलिस ने हाल ही में ऑपरेशन चलाकर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है, जो भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। यह कार्रवाई पालम गांव इलाके में की गई, जहां ये लोग मजदूरी की तलाश में रह रहे थे। पकड़े गए लोगों में तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने इन सबके पास से बांग्लादेश की नागरिकता से जुड़े दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी बरामद की है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सभी लोग साल 2017 में बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से आए थे। शुरू में ये लोग हरियाणा के रेवाड़ी जिले में ईंट-भट्टों पर मजदूरी करते थे। लेकिन कुछ समय पहले वहां से उन्हें निकाल दिया गया। इसके बाद ये दिल्ली आ गए और पालम इलाके में मजदूरी की तलाश करने लगे। पुलिस की जांच के बाद इनकी पहचान की पुष्टि हुई। पकड़े गए लोगों के नाम इस प्रकार हैं- आकाश, चमेली खातून, मोहम्मद नाहिम, हलीमा बेगम, मोहम्मद उस्मान।
पुलिस ने बताया कि ये सभी लोग बिना पासपोर्ट और वीज़ा के भारत में रह रहे थे, जो कानून के खिलाफ है। इनके पास कोई भी वैध भारतीय पहचान पत्र नहीं मिला। जब पुलिस ने इनसे पूछताछ की, तो इन्होंने बताया कि वे बहुत गरीब हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए बांग्लादेश से भारत आ गए थे। उन्हें उम्मीद थी कि यहां काम मिलेगा और उनका जीवन सुधर जाएगा। पुलिस की ऑपरेशन सेल को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ विदेशी नागरिक पालम गांव इलाके में अवैध रूप से रह रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने इनकी निगरानी की और फिर ऑपरेशन चलाकर इन्हें पकड़ा गया। अब इन सभी के खिलाफ भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में कानूनी कार्यवाही की जा रही है। पुलिस ने जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है और एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय), दिल्ली की मदद से इन सभी को वापस उनके देश बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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FRRO क्या है- एफआरआरओ एक सरकारी एजेंसी है, जो भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों का पंजीकरण और निगरानी करती है। अगर कोई विदेशी नागरिक बिना कानूनी अनुमति के भारत में रहता है, तो एफआरआरओ उसे देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया संभालता है।
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