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यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली, 5 बिंदुओं में समझिये अब क्या होगा?

निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने साल 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो महदी की हत्या की थी। इस मामले में उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी।

Published by
Lalit Fulara

केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में होने वाली फांसी की सजा को फिलहाल टाल दिया गया है। उन्हें 16 जुलाई को फांसी की सजा होनी थी। भारत सरकार भी निमिषा प्रिया को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आइए पांच बिंदुओं में इस पूरे मामले को समझते हैं और जानते हैं कि अब आगे क्या होगा?

क्या भारत लौटेंगी निमिषा प्रिया?

नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा फिलहाल एक दिन के लिए टली है। निमिषा प्रिया को बचाने के लिए गहन विचार-विमर्श चल रहा है। उन्हें स्थानीय अधिकारियों ने एक ऐसे व्यक्ति की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई थी जो उसे परेशान कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मारे गए व्यक्ति के परिवार को निमिषा प्रिया की सजा को  कम से कम कल के लिए टालने के लिए मना लिया गया है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें रिहा कर दिया जाएगा या फिर भारत वापस भेज दिया जाएगा।

भारत सरकार का क्या है कहना?

निमिषा प्रिया को बचाने के लिए भारत सरकार भी हर संभव मदद कर रही है। निमिषा इस समय यमन की हूती-कब्जे वाली राजधानी सना में हैं। भारत के हूती विद्रोहियों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। जिस कारण से निमिषा को लेकर मध्यस्तता करने में दिक्कत आ रही है। इससे पहले भारत सरकार का कहना था कि उसने निमिषा की फांसी की सजा को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया है। सरकार का कहना था कि ब्लड मनी देना संभवत: निमिषा प्रिया को बचाने का आखिरी विकल्प है। भारत सरकार ने हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए लगातार प्रयास किए। भारतीय अधिकारी यमन के जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में रहे हैं। इसी का नतीजा है कि फांसी की सजा फिलहाल एक दिन के लिए रुक गई है।

कब सुनाई गई थी निमिषा को फांसी की सजा?

निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने साल 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो महदी की हत्या की थी। इस मामले में उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। उनकी अंतिम अपील 2023 में खारिज हो गई थी। बता दें कि निमिषा प्रिया ने 2008 में यमन में नर्स की नौकरी शुरू की थी। उन्होंने शुरुआत में अस्पतालों में काम किया। इसके बाद अपना क्लिनिक खोल लिया। स्थानीय कानून का पालन करने के लिए उन्होंने 37 वर्षीय तलाल अब्दुल मेहदी नामक एक स्थानीय व्यावसायिक साझेदार को अपने साथ जोड़ लिया।

मेहदी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। उसने उसके पैसे चुरा लिए और उसका पासपोर्ट छीन लिया। निमिषा प्रिया ने 2017 में उसे एक बेहोशी का इंजेक्शन लगाया ताकि उसके बेहोश होने के बाद वह अपना पासपोर्ट वापस ले सके। लेकिन मेहदी की मृत्यु हो गई और निमिषा को यमन से भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार कर लिया गया।

शरिया कानून में क्या है ब्लड मनी?

यमन में शरिया कानून लागू है। शरिया कानून में हत्या के मामलों में ब्लड मनी यानी मुआवजा का विकल्प होता है। इसमें आरोपी के परिवार को मृतक के परिवार को वित्तीय मुआवजा देना होता है। अगर मृतक का परिवार यह मुआवजा स्वीकार कर लेता है तो मौत की सजा को रोका जा सकता है।

अब आगे क्या?

अगर निमिषा प्रिया के परिवार और मृतक के परिवार के बीच ब्लड मनी को लेकर सहमति बनती है तो निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रुक सकती है और उन्हें रिहा किया जा सकता है। इसे लेकर भारत सरकार भी निमिषा के परिवार की हर संभव मदद कर रही है।

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