इदं न मम् : परिवर्तन से हुई प्रगति
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम संघ

इदं न मम् : तेलंगाना में ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ के प्रयासों से परिवर्तन से हुई प्रगति

तेलंगाना में 'सामाजिक समरसता वेदिका' के प्रयासों से घुमंतू नक्काला समुदाय को फिर से मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा। वेदिका इस समुदाय के लिए अनेक प्रकल्पों का संचालन कर इनके जीवन को बना रही है आसान

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jul 15, 2025, 06:20 pm IST
in संघ, तेलंगाना
‘सामाजिक समरसता वेदिका’ द्वारा संचालित सिलाई केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करतीं लड़कियां

‘सामाजिक समरसता वेदिका’ द्वारा संचालित सिलाई केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करतीं लड़कियां

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

तेलंगाना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के प्रयासों से नक्काला समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एस.टी.)  Nakkala community is classified as a Scheduled Tribe (ST) का प्रमाणपत्र फिर से मिलने लगा है। नक्काला समुदाय घुमंतू है, जिन्हें पारधी भी कहा जाता है। इस कारण इस समुदाय के अधिकांश लोग बेघर हैं। इन्हें किसी सरकारी सुविधा का लाभ भी नहीं मिल पाता। इन सबको देखते हुए आठ वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित संस्था ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ social harmony altar ने नक्काला समुदाय के लिए कार्य करना शुरू किया।

कार्यकर्ताओं ने तय किया कि सबसे पहले नक्काला समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाया जाए। इसके लिए कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के सामने आवेदन करके उस पर सतत दबाव बनाया। अंतत: तेलंगाना सरकार ने नक्काला समुदाय को उनकी सांस्कृतिक प्रथाओं, परंपराओं और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गहन समीक्षा के बाद अनुसूचित जनजाति का दर्जा बहाल कर दिया था। गत 21 मई को तहसीलदार श्रीकांत के नेतृत्व में राजस्व विभाग का एक दल मुष्यमपेट पहुंचा और उसने वहां के नक्काला समुदाय के लोगों को एस.टी. का प्रमाणपत्र दिया। यह गांव मेडक जिले के पोगुटा इलाके में पड़ता है।

तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा को ज्ञापन सौंपते ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ के संयोजक अप्पाला प्रसाद। साथ में हैं अन्य कार्यकर्ता

लगभग 20,000 हैं नक्काला

एक आंकड़े के अनुसार तेलंगाना में नक्काला समुदाय की जनसंख्या करीब 20,000 है। इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ दो स्थानों पर अनेक प्रकल्प चला रही है। ये दो स्थान हैं-सिद्धीपेट जिले में चिन्न मुष्यपेट और वारंगल जिले में बुर्राकायाल गुडेम गांव।

उल्लेखनीय है कि इस गांव में रहने वाले नक्काला समुदाय को पहले एस.टी. का दर्जा प्राप्त था। बाद में जागरूकता की कमी और उपहास के कारण इन लोगों ने खुद को एस.टी. के रूप में पहचानना बंद कर दिया। इसका इन्हें नुकसान हुआ। ये लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हो गए। अब एस.टी. का दर्जा फिर से मिलने से इस समुदाय में नई आस बंधी है। उनका कहना है कि बच्चों को पढ़ाई और नौकरी में एस.टी. होने का लाभ मिलेगा।

‘सामाजिक समरसता वेदिका’ के संयोजक अप्पाला प्रसाद कहते हैं, “नक्काला ऐतिहासिक रूप से हिंदू परंपरा में विश्वास करते हैं। यह समुदाय खानाबदोश जीवन बिताता है, लेकिन रीति-रिवाजों और धार्मिक प्रथाओं का पालन दृढ़ता से करता है। ये लोग दुर्गा पूजा, काली पूजा, शिवरात्रि, दशहरा जैसे त्योहारों को मनाते हैं। आजीविका के लिए पशु पालते हैं। इसके साथ ही सड़क किनारे करतब आदि दिखाते हैं।”

बता दें कि आठ साल पहले ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ के कार्यकर्ता इस समुदाय के गांवों में गए थे। उसी दौरान उनकी समस्याओं की जानकारी मिली। तब से ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ ने नक्काला के लिए खुद को समर्पित कर दिया है। इस संस्था ने इस समुदाय के लिए अनेक प्रकल्प चलाए हैं। इसके साथ ही उनके कानूनी मामलों को भी सुलझाया है। यही नहीं, तेलंगाना के राज्यपाल तक उनकी समस्याओं को पहुंचाया।

इस कारण इनकी प्रगति के अनेक रोड़े हट गए हैं। संस्था इस समुदाय के सांस्कृतिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी कार्य कर रही है। ये लोग जिन त्योहारों को भूल गए थे, उन्हें मनाने लगे हैं। बच्चों को पढ़ाने लगे हैं। संस्था ने इन बच्चों के लिए ट्यूशन सेंटर स्थापित किए हैं। वहां पढ़ने की सामग्री उपलब्ध है। संस्था इनके लिए स्वास्थ्य शिविर भी लगाती है। अब ये लोग नशा भी नहीं करते हैं। कह सकते हैं कि संस्था ने इस समुदाय के लोगों को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है।

Topics: धार्मिक प्रथाNakkala community nomadsSamajik Samrasata Vedikareligious practiceराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघRashtriya Swayamsevak Sanghतेलंगानाअनुसूचित जनजातिपाञ्चजन्य विशेषनक्काला समुदाय घुमंतूसामाजिक समरसता वेदिका
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

केरल की वामपंथी सरकार ने कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान पुस्तक में ‘लोकतंत्र : एक भारतीय अनुभव’ 'Democracy: An Indian Experience' शीर्षक से नया अध्याय जोड़ा है, जिसका विरोध हो रहा है। (बाएं से) शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

केरल सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में किया बदलाव, लाल एजेंडे और काली सोच का सबक है 

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

चतुर्थ सरसंघचालक श्री रज्जू भैया

RSS के चौथे सरसंघचालक जी से जुड़ा रोचक प्रसंग: जब रज्जू भैया ने मुख्यमंत्री से कहा, ‘दुगुनी गति से जीवन जी रहा हूं’

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies