धर्म-संस्कृति

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

स साल 2025 में सावन सिर्फ 29 दिनों का होगा। इसका कारण अत्यधिक खगोलीय घटनाओं और तिथियों के मिलाजुला होने के कारण होता है।

Published by
सौम्या सिंह

Sawan 2025: सावन माह हिन्दू कैलेंडर का एक अहम महीना है जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच आता है। हर साल सावन 30 या 31 दिन का होता है, लेकिन इस साल 2025 में सावन सिर्फ 29 दिनों का होगा। इसका कारण अत्यधिक खगोलीय घटनाओं और तिथियों के मिलाजुला होने के कारण होता है। तो, इसका कारण क्या है? सावन माह की अवधि और उसके शुरू होने का समय चंद्रमा के गति पर निर्भर करता है, और हर साल तिथियों में कुछ बदलाव आते हैं। यह बदलाव किसी खास दिन या तिथि को लेकर समायोजन होता है ताकि हिन्दू पंचांग में वर्ष का सही हिसाब रखा जा सके।

इस वर्ष, 11 जुलाई 2025 को सावन माह शुरू हो रहा है, लेकिन चंद्रमा की स्थिति और अमावस्या के असर से यह महीना मात्र 29 दिन का रहेगा। इसका मतलब यह है कि इस साल सावन एक दिन कम रहेगा, जिससे पंचांग में संतुलन बनाए रखने के लिए इसे 29 दिनों तक ही सीमित रखा गया है। इस तरह के छोटे बदलाव कैलेंडर की स्थिति और तिथियों के अनुसार हर साल होते रहते हैं, लेकिन यह समझना जरूरी है कि इन बदलावों से धार्मिक आयोजन, व्रत, त्योहार या पूजा के समय में कोई खास फर्क नहीं पड़ता। इस वर्ष 2025 में सावन माह का समय 29 दिनों का रहेगा, जबकि सामान्यत: यह 30 या 31 दिनों का होता है। इसके पीछे मुख्य कारण त्रयोदशी तिथि का क्षय बताया जा रहा है। त्रयोदशी तिथि के खत्म होने की वजह से सावन का यह माह एक दिन कम होगा, यानी 29 दिनों तक ही रहेगा। यह एक खगोलीय और पंचांग संबंधी समायोजन का परिणाम है।

त्रयोदशी तिथि का क्षय

हर महीने में त्रयोदशी तिथि होती है, जो 13वीं तिथि के रूप में होती है। इस साल चंद्रमा की गति और तिथियों के मिलाजुला होने के कारण त्रयोदशी तिथि खत्म हो जाएगी। इसके कारण सावन महीने का समय एक दिन कम हो जाएगा। हालांकि, इस बदलाव के बावजूद यह सावन माह अपने धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व को बनाए रखेगा। दिलचस्प बात यह है कि इस वर्ष श्रावण माह पर विशेष योग बन रहे हैं, जो इसे और भी प्रभावशाली और फलदायी बना रहे हैं। इन अद्भुत ज्योतिषीय योगों के कारण, भले ही सावन का समय 29 दिन होगा, लेकिन इस छोटे से समय में भी इसका प्रभाव अत्यंत शुभ और लाभकारी रहेगा।

  1. सावन के दौरान बने विशेष योगों के कारण इस साल विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान जैसे शिव पूजा, रुद्राभिषेक, और कांवड़ यात्रा अत्यधिक प्रभावी होंगे।
  2. पारिवारिक सुख-शांति और व्यक्तिगत उन्नति की संभावना भी अधिक रहेगी।
  3. कृपा और आशीर्वाद का प्रवाह लगातार बना रहेगा, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
  4. इन अद्भुत ज्योतिषीय योगों की वजह से इस बार सावन का संपूर्ण माह भक्तों के लिए बेहद फलदायी और प्रभावशाली रहेगा, चाहे इसका समय कम क्यों न हो।
  5. इस वर्ष सावन का संक्षिप्त समय भी उन सभी के लिए लाभकारी साबित होगा जो इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएंगे।
2025 के सावन में एक दिन कम क्यों है?

यह एक खगोलीय घटना है जो हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल समायोजित होती है। हर महीने की तिथि और अवधि में छोटे बदलाव होते रहते हैं जो पूरे वर्ष की सटीकता के लिए जरूरी होते हैं। यहां यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सावन का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से अधिक है, और यह महीने की अवधि चाहे 29 दिन हो या 30, इस से पूजा विधियों पर कोई असर नहीं पड़ता।
सावन या श्रावण माह, जो हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, 2025 में शुक्रवार, 11 जुलाई से शुरू हो चुका है और इसका समापन रक्षाबंधन के दिन, 9 अगस्त को होगा। यह महीना खासतौर पर भगवान शिव की पूजा और व्रत के लिए प्रसिद्ध है। इस दौरान कई धार्मिक आयोजन, पर्व और अनुष्ठान होते हैं।

इस सावन पर बन रहे विशेष संयोग

इस साल 2025 में सावन माह के प्रत्येक सोमवार पर अद्वितीय और विशेष संयोग बन रहे हैं, जो इस महीने को और भी प्रभावशाली और फलदायी बना रहे हैं। हर सोमवार को एक नया और महत्वपूर्ण पर्व या व्रत रहेगा, जिससे भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। आइए जानें, इस साल सावन के प्रत्येक सोमवार पर कौन-कौन से खास संयोग बन रहे हैं:

पहला सावन सोमवार (14 जुलाई 2025): गजानन संकष्टी चतुर्थी

पहले सावन सोमवार के दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी का पर्व रहेगा, जो भगवान गणेश की पूजा का विशेष दिन होता है। इस दिन गणेश भक्त व्रत रखते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए पूजा करते हैं। गणेश जी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है, और हर प्रकार के विघ्न और संकट दूर होते हैं। इस दिन सावन माह की शुरुआत के साथ ही गणेश जी की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

दूसरा सावन सोमवार (21 जुलाई 2025): कामदा एकादशी

दूसरे सोमवार को कामदा एकादशी का व्रत रहेगा। यह एकादशी विशेष रूप से इच्छाओं की पूर्ति के लिए की जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत से सभी प्रकार के दुखों और कष्टों का निवारण होता है, और भक्तों को मनचाहे वरदान प्राप्त होते हैं। इस दिन का व्रत रखने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।

तीसरा सावन सोमवार (28 जुलाई 2025): विनायकी गणेश चतुर्थी

तीसरे सोमवार पर विनायकी गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। यह विशेष दिन भगवान गणेश की पूजा का होता है, जिसमें खासकर गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है। इस दिन गणेश जी का ध्यान करके सुख, समृद्धि और समर्पण की भावना उत्पन्न होती है। विनायकी गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की विशेष पूजा से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

चौथा सावन सोमवार (4 अगस्त 2025): झूलन यात्रा और प्रदोष काल

चौथे और अंतिम सावन सोमवार पर झूलन यात्रा के साथ प्रदोष काल की शुरुआत होगी। झूलन यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा होती है। इस दिन विशेष रूप से भक्त भगवान कृष्ण के राधा के साथ झूलने का आनंद लेते हैं। साथ ही, प्रदोष काल में पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और मानसिक शांति मिलती है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए भी अत्यंत शुभ होता है।

सावन 2025 का समापन

सावन का यह महीना रक्षाबंधन के दिन, 9 अगस्त को समाप्त होगा। रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ करता है, और इसी दिन सावन माह का समापन भी होता है। इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है और इसे परिवारों में भाई-बहन के बीच प्रेम और संकल्प की भावना को बढ़ावा देने के रूप में मनाया जाता है। इस तरह, सावन माह का समय धार्मिक अनुष्ठानों, विशेष पूजा-पाठ, और भक्ति में गहराई से जुड़ा होता है, जो न केवल भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि उनके जीवन में समृद्धि और सफलता की कामना भी करता है।

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