शार्प शूटर शाहरुख पठान
खालापार जिला मुजफ्फरनगर निवासी शाहरुख पठान संजीव जीवा गैंग का शार्प शूटर था, जिसके खिलाफ हत्या और रंगदारी के आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। वह एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। शाहरुख पठान ने वर्ष 2015 में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस हिरासत में आसिफ जैदा नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। गिरफ्तार होने के बाद जेल में रहते हुए वह संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया और संजीव जीवा के लिए काम करने लगा। कुछ दिन जेल में रहने के बाद वह 2016 में सिविल लाइन मुजफ्फरनगर से फरार हो गया। फरारी के दौरान ही जीवा के निर्देश पर उसने 2017 में हरिद्वार के कंबल व्यापारी गोल्डी की हरिद्वार में हत्या कर दी थी। इसी फरारी के दौरान आसिफ जैदा हत्याकांड के गवाह आसिफ जैदा के पिता की 2017 में कोतवाली मुजफ्फरनगर में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
इसके बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। गोल्डी हत्याकांड में उन्हें संजीव जीवा के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गोल्डी हत्याकांड में उन्हें संजीव जीवा के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।फिलहाल वह जमानत पर बाहर था। फिलहाल वह जमानत पर था। करीब 6 महीने पहले जमानत पर बाहर आने के बाद उसके खिलाफ संभल में हत्या के प्रयास और धमकी का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उसने हत्या के मामलों में गवाहों को धमकाने और जान से मारने की कोशिश की थी, जिसमें वह वांछित था।उसकी तलाश की जा रही थी।आज दिनांक 14 जुलाई को एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ द्वारा थाना छपार जनपद मुजफ्फरनगर में मुठभेड़ के दौरान घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया, जिसे उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक द्वारा मृत घोषित कर दिया गया।
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