मौलाना छांगुर (फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान)
इस्लामिक कन्वर्जन का रैकेट चलाने वाला मौलाना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन ATS की पूछताछ में हर दिन नए खुलासे कर रहा है। इसी क्रम में एटीएस को पता चला है कि छांगुर हिन्दू महिलाओं का कन्वर्जन कराने के बाद उनका निकाह पाकिस्तानी खुफिया एंजेंसी आईएसआई के एजेंटों से करवा रहा था। ताकि बाद में उन्हें स्लीपर सेल की तरह इस्तेमाल किया जा सके। ये एक ऐसी साजिश है जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती थी।
मौलाना छांगुर ने पिछले कुछ सालों में 1,500 से ज्यादा हिंदू महिलाओं और हजारों गैर-मुस्लिम लोगों का कथित तौर पर जबरन या लालच देकर इस्लाम में कन्वर्ट करवाया। वह गरीब हिंदू परिवारों, खासकर महिलाओं को, चमत्कार और इलाज का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था। इसके बाद धीरे-धीरे ब्रेनवॉश करके उनसे इस्लाम कबूल करवाता था। ATS के मुताबिक, छांगुर का मकसद इस्लामिक कन्वर्जन तक सीमित नहीं था। वह इन महिलाओं की शादी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट्स और स्लीपर सेल ऑपरेटिव्स से करवाना चाहता था, ताकि वे भारत में जासूसी और अन्य गतिविधियों में मदद कर सकें।
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रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि छांगुर ने ISI से सीधे संपर्क स्थापित करने के लिए नेपाल का रुख किया था। वह काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास और वहां के कुछ धार्मिक नेताओं से मिला। उसका प्लान था कि कन्वर्टेड हिंदू महिलाओं को ISI के लोगों से जोड़ा जाए, जिससे भारत में स्लीपर सेल का नेटवर्क मजबूत हो सके। यह खुलासा देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह साजिश राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश थी।
जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा के नेटवर्क को खाड़ी देशों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग मिली थी। उसके और उसके सहयोगियों के 40 से अधिक बैंक खातों में लेनदेन के सबूत मिले हैं। इसके अलावा, उसने पुणे में 16 करोड़ की जमीन खरीदी और बलरामपुर में 70 कमरों की एक आलीशान कोठी बनवाई, जिसका एक हिस्सा अवैध था। इस कोठी को ATS ने बुलडोजर से ढहा दिया। छांगुर के सहयोगी नीतू और नवीन ने भी इस रैकेट में अहम भूमिका निभाई। नीतू गरीब परिवारों को मदद का लालच देकर उन्हें छांगुर तक पहुंचाती थी।
छांगुर ने 1,000 से ज्यादा मुस्लिम युवकों को पैसे देकर हिंदू और सिख लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाने और उनका कन्वर्जन करवाने का काम सौंपा था। इसके लिए एक रेट लिस्ट भी बनाई गई थी, जिसमें ब्राह्मण और राजपूत लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये की रकम तय थी। इस रैकेट में कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल होता था, जैसे कन्वर्जन के लिए “मिट्टी पलटना” और मानसिक आघात के लिए “काजल” जैसे शब्द।
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इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने इसे “बेटियों के खिलाफ सबसे बड़ा धोखा” बताया और कठोर सजा की मांग की। बहरहाल ATS की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े खतरे को टाल दिया, लेकिन यह घटना समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी साजिशों के खिलाफ सतर्कता जरूरी है।
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