उज्जवल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, डॉ मीनक्षी जैन और सी सदानंद मास्टे (बाएं से) राज्यसभा के लिए हुए नॉमिनेट
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार मशहूर हस्तियों—उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, डॉ. मीनाक्षी जैन और सी. सदानंदन मास्टर—को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। ये लोग अपने-अपने क्षेत्र में शानदार काम के लिए जाने जाते हैं। यह कदम रिक्त हुए राज्यसभा सीटों को भरने के लिए उठाया गया है।
30 मार्च 1953 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मे उज्ज्वल निकम मशहूर वकील हैं, जिन्होंने 26/11 मुंबई हमले जैसे बड़े मामलों की जांच में अहम भूमिका निभाई। 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार और प्रमोद महाजन हत्या जैसे केसों में उन्होंने अभियोजन का नेतृत्व किया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी अजमल कसाब को सजा दिलवाना। महाराष्ट्र के जलगांव में 1953 में जन्मे निकम ने विज्ञान की पढ़ाई के बाद कानून की डिग्री ली। निकम को वकालत विरासत में मिली है। उनके पिता माधवराव निकम भी एक वकील ही थे। जबकि मां विमलादेवी स्वतंत्रता सेनानी थीं। 2024 में वे बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए।
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हर्षवर्धन श्रृंगला 1984 बैच के IFS अधिकारी हैं। वे 2020-2022 तक भारत के विदेश सचिव रहे और अमेरिका, बांग्लादेश, थाईलैंड में राजदूत के तौर पर काम किया। 2019 में ‘हाउडी मोदी’ इवेंट में उनकी भूमिका खास थी। 2023 में भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान वे मुख्य समन्वयक थे। इसके अलावा वे भारत के पूर्व विदेश सचिव भी रह चुके हैं। दार्जिलिंग से ताल्लुक रखने वाले श्रृंगला गोरखा समुदाय के बड़े चेहरे हैं।
डॉ. मीनाक्षी जैन मशहूर इतिहासकार और शिक्षाविद् हैं। उनके शोध और लेखन ने भारतीय इतिहास को नया आयाम दिया। शिक्षा, साहित्य और राजनीति विज्ञान में उनका योगदान उल्लेखनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी नियुक्ति को उनकी शैक्षिक उपलब्धियों के लिए सराहा।
केरल के समाजसेवी और बीजेपी नेता सी. सदानंदन मास्टर ने 1994 में कन्नूर में हुए हमले में अपनी दोनों टांगें खो दीं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वे समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं और वर्तमान में बीजेपी केरल के उपाध्यक्ष हैं।
संविधान का अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा 250 सदस्य हो सकते हैं। कुल मिलाकर 12 सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। संविधान के आर्टिकल 80 (1) A और 80 (3) राष्ट्रपति को ये अधिकार देता है कि वह समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उच्चकोटि का योगदान देने वाले 12 लोगों को राज्यसभा के मनोनीत कर सकते हैं।
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राष्ट्रपति द्वारा चुने गए ये लोग कला, विज्ञान, साहित्य और समाज सेवा में विशेषज्ञता रखते हैं। इनकी मौजूदगी से राज्यसभा में नए विचार और गहराई आएगी। यह कदम इन हस्तियों के योगदान को सम्मान देता है और संसद में नीति-निर्माण को और समृद्ध करेगा।
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