मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कन्वर्जन को राष्ट्र की पहचान को कमजोर करने और सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने की एक सोची-समझी साजिश करार दिया। योगी जी ने भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।
जबरन या प्रलोभन देकर कन्वर्जन कराना बर्दाश्त नहीं- उन्होंने बलरामपुर में सामने आए एक बड़े कन्वर्जन रैकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि विदेशी फंडिंग से चलने वाला यह नेटवर्क समाज को तोड़ने का काम कर रहा था। इस रैकेट में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेन-देन 40 खातों में पाए गए हैं। इनमें धर्म बदलवाने के लिए तय “दरें” भी थीं। योगी जी ने इसे न केवल सामाजिक, बल्कि राज्य और देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बताया। CM योगी श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे, यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्ष को समर्पित है। यह लखनऊ से शुरू होकर कानपुर, इटावा और आगरा होते हुए दिल्ली के ऐतिहासिक शीशगंज गुरुद्वारे पर समाप्त होगी, जहां गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा करते हुए बलिदान दिया था। अपने भाषण में योगी जी ने कहा कि कुछ ताकतें समाज के गरीब और वंचित वर्गों, विशेष रूप से अनुसूचित जातियों को लालच देकर उनका धर्म बदलवा रही हैं। यह कार्य संविधान की आत्मा और सामाजिक समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने दोहराया कि जबरन या प्रलोभन देकर कन्वर्जन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
CM योगी ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को याद करते हुए कहा कि वह मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचारों के खिलाफ डटे रहे और धर्म के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि यह बलिदान हमें बताता है कि धर्म और आस्था की रक्षा के लिए संघर्ष करना ही सही रास्ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस, सत्य और बलिदान का प्रतीक है। उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। यह यात्रा उनके त्याग और तप की परंपरा को पुनः स्मरण कराती है और बताती है कि भारत की आज़ादी और मजबूती में ऐसे बलिदानों की अहम भूमिका रही है।
CM योगी ने यह भी कहा कि कुछ लोग हिंदू और सिख समुदाय को आपस में बांटने की कोशिश करते हैं लेकिन हमें सतर्क और एकजुट रहना होगा, ताकि ऐसी साजिशें कभी सफल न हो सकें। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को गुरुओं की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए और उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी संस्कृति या धर्म को त्यागने के लिए मजबूर न हो।
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