Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यूरोपीय संघ (ईयू) और मैक्सिको से आयात होने वाले सामानों पर 1 अगस्त से 30% टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह ऐलान उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर किए गए पत्रों के जरिए हुआ। इस कदम ने वैश्विक व्यापार में हलचल मचा दी है और व्यापार युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। ट्रंप का कहना है कि यह कदम व्यापार असंतुलन और मैक्सिको में ड्रग तस्करी जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए उठाया गया है।
टैरिफ का ऐलान और उसका कारण
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने अपने पत्रों में कहा कि ईयू और मैक्सिको के साथ व्यापार में असंतुलन लंबे समय से चला आ रहा है। 2024 में अमेरिका का ईयू के साथ व्यापार घाटा 235.6 बिलियन डॉलर और मैक्सिको के साथ 171.8 बिलियन डॉलर था। इसके अलावा, उन्होंने मैक्सिको पर ड्रग तस्करी और कार्टेल गतिविधियों को नियंत्रित करने में नाकामी का आरोप लगाया। ट्रंप ने सुझाव दिया कि अगर कंपनियां अमेरिका में उत्पादन शुरू करें, तो टैरिफ से छूट मिल सकती है।
यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस ऐलान पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ईयू अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए “सभी जरूरी कदम” उठाएगा, जिसमें जवाबी टैरिफ भी शामिल हो सकते हैं। यूरोपीय देशों, खासकर जर्मनी जैसे ऑटोमोबाइल निर्यातक देशों को इस टैरिफ से बड़ा झटका लग सकता है। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने पहले ही चेतावनी दी थी कि टैरिफ विवाद को जल्द सुलझाना जरूरी है, क्योंकि इससे ऑटोमोबाइल, स्टील और फार्मास्यूटिकल जैसे उद्योग प्रभावित होंगे।
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मैक्सिको का जवाब
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा कि उनकी सरकार ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन जवाबी उपायों से इनकार नहीं किया। मैक्सिको, जो अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, पहले ही यूएस-मैक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत कुछ छूट प्राप्त कर चुका है। हालांकि, ट्रंप के नए टैरिफ इस समझौते को प्रभावित कर सकते हैं। मैक्सिकन अर्थव्यवस्था मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड ने कहा कि जल प्रबंधन जैसे मुद्दों पर बातचीत पहले से चल रही थी, लेकिन यह नया कदम अप्रत्याशित है।
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव
ट्रंप का यह कदम वैश्विक व्यापार नियमों को चुनौती देता है, जो दशकों से उरुग्वे दौर जैसे समझौतों पर आधारित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि 30% टैरिफ से उपभोक्ता कीमतें बढ़ सकती हैं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है। खासकर यूरोपीय कार निर्माता जैसे फोक्सवैगन और मैक्सिको में उत्पादन करने वाली कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम ट्रंप की 2024 की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसका फोकस अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करना था।
और अधिक टैरिफ लगाने की धमकी
ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईयू या मैक्सिको जवाबी टैरिफ लगाते हैं, तो अमेरिका टैरिफ की दर को और बढ़ा सकता है। दूसरी ओर, दोनों पक्षों ने बातचीत के लिए खुला रुख दिखाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त तक कोई नया समझौता हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ जाएगी।
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