रूसी महिला अपनी बच्चियों के साथ (बाएं से) और वो गुफा जहां वे रह रही थीं (फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान)
कर्नाटक के एक सुदूर इलाके उत्तर कन्नड़ जिले की कुमटा तालुक की शांत लेकिन खतरनाक रामतीर्थ की पहाड़ियों में एक गुफा है। उस गुफा में किसी भी प्रकार की सुख सविधा नहीं है। वहां है तो केवल एक चीज और वो है भगवान रूद्र की एक प्रतिमा। साथ में है उस प्रतिमा को वहां स्थापित करने वाली एक महिला और उसके दो बच्चे। इनका दिन और रात बस सनातन धर्म के बारे में जानने, योग, साधना और पूजा-पाठ में बीतता है। ये एक रूसी महिला हैं. जो कि अपनी दो छोटी बेटियों के साथ आध्यात्म की तलाश में यहां रह रही हैं। लेकिन, इन निर्जन जगह पर उसे और उसके बच्चों को कोई नुकसान न हो, इसलिए प्रशासन के अधिकारियों ने उसे वहां से बाहर निकाला।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ये महिला रूस से हैं, इनका नाम है नीना कुटीना उर्फ मोही (40) और साथ में दो बेटियां प्रेया (8) और अमा (6)। मोही हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति से इतनी प्रभावित हैं कि उसने भारत को अपना ठिकाना बना लिया। वो अपनी बेटियों के साथ कर्नाटक की एक गुफा में रह रही है। ये कोई फैंसी घर नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां जंगली जानवरों का डर है और बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली-पानी तक नहीं। फिर भी, वो अपने इस अनोखे जीवन से खुश है। उसका मानना है कि हिंदू धर्म की सादगी और अध्यात्म उसे और उसकी बेटियों को सच्ची राह दिखा रहा है।
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आप सोच रहे होंगे कि कोई भला गुफा में क्यों रहेगा? इस महिला का मानना है कि प्रकृति के करीब रहकर ही सच्चा सुकून मिलता है। वो अपनी बेटियों को भी यही सिखाना चाहती है। गुफा में रहना कोई आसान काम नहीं। बारिश में पानी रिसता है, जंगली जानवरों का खतरा है, और बच्चों की देखभाल भी चुनौती भरी है। फिर भी, वो अपने विश्वासों के साथ डटी हुई है। स्थानीय लोग हैरान हैं कि कोई इतनी मुश्किल जिंदगी कैसे चुन सकता है।
नीना कुटीना की मानें तो वे बिजनेस वीजा के साथ रूस से भारत आईं। यहां उन्होंने सनातन धर्म के बारे में जानना। वो इससे इतना प्रभावित हुईं कि वे गोवा से होते हुए कर्नाटक के पवित्र तटीय शहर गोकर्ण पहुंची। अधिकारियों का कहना है कि ये बीते दो सप्ताह से इस गुफा में रह रहे थे। पता चला है कि 2017 में ही उनका वीजा खत्म हो गया था, लेकिन फिर भी वो यहीं रही। बहरहाल, अब अधिकारियों ने उन्हें डिपोर्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है।
महिला अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजती, बल्कि घर पर ही पढ़ाती है। वो उन्हें भारतीय संस्कृति, योग और आध्यात्मिकता से जोड़ रही है। लेकिन गुफा का खतरनाक माहौल चिंता का सबब है। आसपास के लोग और प्रशासन डरते हैं कि बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। अगर कुछ अनहोनी हुई, तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
हाल ही में उस इलाके में भूस्खलन हुआ था, जिसकी जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम गश्त कर रही थी। तभी जंगल में एक गुफा के बाहर उन्हें साड़ी सूखने के लिए टंगी दिखी। जब वहां जाकर देखा तो उन्हें इनके बारे में पता चला। अधिकारियों को हैरानी इस बात की है कि वे आखिरकार जंगल में कैसे जीवित रह रहे हैं।
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