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Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

रिपोर्ट के अनुसार, विमान में किसी तकनीकी खराबी, मौसम या पक्षी टकराव का कोई प्रमाण नहीं मिला। इंजन स्टार्ट करने के प्रयास विफल रहे और रैम एयर टरबाइन की तैनाती ने आपात स्थिति की पुष्टि की।

Published by
Mahak Singh

भारत की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक एयर इंडिया फ्लाइट 171 की शुरुआती जांच रिपोर्ट शनिवार रात को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने जारी की। इस दुखद हादसे में 260 लोगों की जान चली गई। रिपोर्ट के अनुसार, विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में पायलटों की बातचीत से कई चौंकाने वाली जानकारियाँ मिली हैं।

उड़ान के तुरंत बाद बंद हुई ईंधन आपूर्ति

रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दोनों इंजनों में अचानक ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। पायलटों के बीच की बातचीत में एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने ईंधन क्यों कम कर दिया?” जवाब मिला, “मैंने ऐसा नहीं किया।” इसके बाद विमान की गति 180 नॉट्स तक पहुंच गई और दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ स्विच लगभग एक ही समय पर “रन” से “कटऑफ” में बदल गए। हालांकि, दोनों इंजन दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन कम ऊंचाई और समय की कमी के कारण यह संभव नहीं हो सका। इस दौरान रैम एयर टरबाइन (RAT) की तैनाती से आपातकाल की पुष्टि हुई। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि मौसम ठीक था, किसी पक्षी से टकराव नहीं हुआ और विमान का वजन भी मानक के भीतर था।

दुर्घटना के समय फ्लैप और लैंडिंग गियर सामान्य स्थिति में थे और थ्रस्ट लीवर आगे की स्थिति में थे, जिससे पता चलता है कि पायलट आखिरी समय तक नियंत्रण में थे। विमान के GE GEnx-1B इंजन या B787-8 विमान में किसी तकनीकी खराबी के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। ईंधन के नमूने ठीक पाए गए, लेकिन दुर्घटनाग्रस्त विमान से बहुत कम मात्रा में ईंधन मिला, जिससे ईंधन प्रबंधन को लेकर सवाल उठे हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2018 में अमेरिकी FAA ने फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म को लेकर एक सलाह जारी की थी लेकिन यह अनिवार्य नहीं थी और एयर इंडिया ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया।

एयर इंडिया का बयान

दुर्घटना के बाद एयर इंडिया ने एक बयान जारी कर सभी मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि वह इस कठिन समय में पूरी मदद के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही एयरलाइन ने कहा है कि वह एएआईबी और अन्य जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है। जांच टीम का नेतृत्व एएआईबी प्रमुख जीवीजी युगंधर कर रहे हैं। टीम में पायलट, इंजीनियर, एविएशन साइकोलॉजिस्ट, एविएशन मेडिसिन एक्सपर्ट और फ्लाइट रिकॉर्डर विशेषज्ञ शामिल हैं। अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और एकमात्र जीवित यात्री के बयान का विश्लेषण जारी है। फिलहाल मलबे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का कार्य पूरा हो चुका है और सभी जरूरी हिस्सों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। जांच पूरी होने तक तकनीकी कारणों पर अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया जा सकेगा।

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