700 साल पहले 'मंदिर' में पहचान छिपाकर रहने वाला 'मुस्लिम जोगी' और इब्न बतूता
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में ऑपरेशन कॉलेनेमि चलाया है। कुछ मुस्लिम साधु का वेश रखकर हरिद्वार जैसी जगहों में भिक्षा मांगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं 700 साल पहले भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था

by सोनाली मिश्रा
Jul 12, 2025, 06:41 pm IST
in भारत
700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मुस्लिम समुदाय के लोग साधु का वेश रखकर भीख मांगते हैं। पहचान छिपाकर इस तरह के मामले अक्सर आते रहते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि 700 साल पहले भी कुछ इसी तरह की घटनाएं होती थीं। इब्नबतूता का नाम तो आपने सुना ही होगा। अरब यात्री इब्न बतूता।

अपनी यात्राओं में इब्नबतूता ने कई रोचक बातों का उल्लेख किया है। वह करीब 1333 ईसवी में भारत आया था। उनमें राजाओं, राज्यों और मुस्लिम नवाबों के साथ ही बहुत कुछ मजेदार घटनाएं भी हैं। गोवा की यात्रा के समय “मुस्लिम जोगी” अर्थात मुस्लिम योगी का उल्लेख है। योगी या जोगी और वह भी मुस्लिम? एक बार में इंसान चौंकेगा। मगर इब्न बतूता की यात्राओं के अंग्रेजी अनुवाद में इसका उल्लेख मिलता है। The Travels of Ibn Battuta, AD 1325–1354 Volume IV में वह गोवा की यात्रा का वर्णन करते हुए लिखता है कि मालाबार जाते समय वह संदाबुर (गोवा) नामक एक छोटे द्वीप पर आया, जो छत्तीस गावों से मिलकर बना है। (तीसवाडी)। इस स्थान के विषय में इब्न बतूता लिखता है कि यह एक समुद्र की खाड़ी से घिरा है, और जिसका पानी निम्न ज्वार होने पर मीठा होता है तो वहीं उच्च ज्वार के समय यह खारा होता है। इस द्वीप के केंद्र में दो शहर हैं। प्राचीन शहर काफिरों ने बनाया है और दूसरा मुस्लिमों ने जब उन्होंने इस पर पहली बार आक्रमण किया था।

इब्न बतूता फिर लिखता है कि हम यहां पर टिके नहीं थे, बस हमने किनारे पर अपना जहाज रोका था। जहां पर एक मंदिर, एक बागीचा और तालाब था। वहीं हमें एक जोगी मिला। फिर इस पुस्तक के अनुसार, ‘वह एक बुतखाने कई दीवार से पीठ टिकाए बैठा था। वह दो प्रतिमाओं के बीच बैठा था और ऐसा लग रहा था जैसे धार्मिक प्रक्रियाएं जारी होंगी। जब हमने उससे बात की तो उसने एक भी शब्द नहीं कहा, और हमने उसकी ओर देखा कि क्या उसके पास कुछ खाने के लिए है। मगर कुछ नहीं मिला। जब हम इधर-उधर देख रहे थे तो उसने एक तेज आवाज निकाली और उसके सामने एक नारियल आकर गिरा। उसने हमें वह दे दिया और फिर हमने उसे कुछ दिरहम देने चाहे, तो उसने इनकार कर दिया।’

इब्न बतूता को मंदिर में मिला था पहचान छिपाकर रहने वाला मुस्लिम

ऊंट की खाल का लबादा भी था

इब्न बतूता लिखता है कि उसने उसके सामने एक ऊंट की खाल का लबादा भी देखा। और जब इब्न बतूता ने उसे देखने के लिए उठाया तो उसने उसे वह दे दिया। इब्न बतूता के हाथ में कुछ कौड़ियां थीं, जोगी ने उसे देखा और तो इब्न बतूता ने उसे वे दे दीं। उसने उसे अपने हाथ में रखकर घिसा, सूंघा और फिर चूम लिया और फिर पहले आसमान और फिर मक्का की दिशा में उंगली घुमाई।

इब्न बतूता लिखता है कि उसके साथी तो नहीं, मगर वह जरूर पहचान गया था कि वह जोगी मुसलमान है। और वह इस द्वीप के लोगों से अपने मुस्लिम मजहब की पहचान छिपाकर यहां पर नारियल पर गुजारा करके रह रहा है। जब वे लोग वहां से जाने लगे तो इब्न बतूता ने उसके हाथों को चूमा, जो उसके साथियों को पसंद नहीं आया मगर जोगी ने परवाह नहीं की और फिर उन लोगों से जाने के लिए कहा।

इब्न बतूता को दिए दीनार 

जब वे लोग वहां से जाने लगे तो सबसे अंत में इब्न बतूता ही गया और जोगी ने चलते समय उसे रोका और उसके हाथ में दस दिनार रखीं। उसके साथियों ने जब पूछा कि आखिर उसने उसे क्यों रोका था, तो इब्न बतूता ने दिनार दिखाते हुए, उन्हें आपस में बांट लिया। चार अपने पास रखीं और तीन-तीन दिनार अपने साथियों को दीं और कहा कि वह एक मुस्लिम था; क्या उन्होंने नहीं देखा कि कैसे उसने आसमान की ओर इशारा किया था कि वह अल्लाह को जानता है और फिर उसने मक्का की ओर इशारा किया था, यह बताने के लिए कि उसे पता है कि वह कौन है। फिर वे सभी लोग वहां दोबारा गए, मगर वह उन्हें नहीं मिला।

ये भी पढ़ें – Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

हिंदू जोगी भी आया मिलने

इसके बाद वे लोग हिनवार (होनोवर – कर्नाटक) की ओर चले गए। इब्न बतूता लिखता है कि जब वे लोग हिनवार पहुंचे तो एक हिन्दू जोगी बहुत ही छिपते हुए उसके पास आया और उसे छह दिनार देते हुए बोला कि “उस ब्राह्मण ने आपके लिए भिजवाया है!” वह लिखता है कि इसका मतलब वही जोगी, जिसे उसने कौड़ियों का गुच्छा दिया था। इब्न बतूता ने एक दिनार उस हिन्दू जोगी को देनी चाहीं, मगर उसने इनकार कर दिया। उसके बाद उसने यह किस्सा अपने साथियों को बताया कि यदि वे चाहें तो अपना हिस्सा ले सकते हैं। मगर दोनों ने इंकार कर दिया। उन दोनों ने कहा कि “जो छह दिनार आपने हमें दी थीं, हमने और छह दिनार के साथ उन्हीं मूर्तियों के बीच छोड़ दी थीं, जहां हमने उसे देखा था,”

ये भी पढ़ें – बड़ी साजिश!  UP, गुजरात या बिहार हर राज्य में यही हाल, भगवा वस्त्र, माथे पर तिलक साधु के वेश में घूम रहे मुस्लिम

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

पहचान छिपाकर मंदिर में रहना

हालांकि इस विवरण में यह उल्लेख नहीं है कि क्या उस हिन्दू जोगी को यह पता था कि वह “ब्राह्मण” कौन था, जिसने ये दिनार इब्न बतूता के लिए भिजवाई थीं। फिर भी पहचान छिपाकर एक मंदिर में रहने का यह किस्सा भी रोचक है कि मंदिर में रहना भी है और अपनी मजहबी रिवाजों का पालन भी वहीं रहते हुए करना है।

 

Topics: उत्तराखंड में साधु मुस्लिममुस्लिम साधुमुस्लिमसाधु मुसलमानहिंदूमंदिर में मुस्लिमपाञ्चजन्य विशेषइब्न बतूताअरब यात्रीमुस्लिम योगीमुस्लिम जोगीऑपरेशन कालनेमी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies