मणिपुर में मई 2023 से चल रही जातीय हिंसा के बीच, केंद्र सरकार अब कुकी और मैतेई समुदाय के नेताओं को एक साथ बैठाकर बात करने की योजना बना रही है। यह बैठक नवंबर या दिसंबर 2025 में हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार, हाल के महीनों में राज्य में हिंसा में कमी, अवैध हथियारों की जब्ती और शांति वार्ताओं की प्रगति के कारण यह प्रयास किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मणिपुर में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है और अगर यह शांति बनी रही, तो दोनों समुदायों के नेताओं के बीच सीधी बातचीत कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के साथ अलग-अलग बैठकों में दोनों पक्षों ने शांति की इच्छा जताई है और सामान्य स्थिति की वापसी पर सहमति जताई है। बीते तीन महीनों में केंद्र ने मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ तीन दौर की अलग-अलग वार्ताएं की हैं। अधिकारियों ने बताया कि ये वार्ताएं सकारात्मक रहीं और दोनों पक्षों ने बातचीत जारी रखने पर सहमति दी है। केंद्र को उम्मीद है कि साल के अंत तक संयुक्त बैठक के जरिए स्थायी शांति का रास्ता निकलेगा।
राज्य में अवैध हथियारों की जब्ती भी एक अहम उपलब्धि रही है। इस साल की शुरुआत में गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा हथियार सौंपने की अपील के बाद अब तक 1,089 हथियार स्वेच्छा से सौंपे गए हैं। कुल बरामद हथियारों की संख्या अब 5,859 हो गई है। सबसे बड़ी बरामदगी 13-14 जून की रात को हुई, जब इम्फाल घाटी के पांच जिलों से 328 हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने पहाड़ी जिलों- ग्नौपाल, कांगपोकपी, चंदेल और चुराचांदपुर- में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाकर हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की है।
इन अभियानों में मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स, भारतीय सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की टीमें शामिल थीं।राज्य में आपराधिक और जबरन वसूली करने वाले नेटवर्कों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है। अब तक 600 से ज्यादा जबरन वसूली के मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 320 से अधिक गिरफ्तारियाँ हुई हैं। साथ ही विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जुड़े करीब 12 अंडरग्राउंड गुर्गों को भी पकड़ा गया है। अधिकारियों ने कहा कि यह सुधार केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय, समुदाय के नेताओं की भागीदारी और दोनों पक्षों की बढ़ती बातचीत की इच्छा के कारण संभव हो पाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में मणिपुर में स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकेगा।
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