उत्तर प्रदेश

Maulana Chhangur: 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए, सामने आया विदेशी फंडिंग का काला खेल

प्रवर्तन निदेशालय ने मौलाना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये और मिडिल ईस्ट से विदेशी फंडिंग का खुलासा किया। बलरामपुर में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश।

Published by
Kuldeep Singh

मौलाना छांगुर (Maulana Chhangur:) उर्फ जलालुद्दीन का भांडा फूट चुका है। कभी भोले-भाले हिन्दुओं को मूर्ख बनाकर उनका इस्लामिक कन्वर्जन करवाने वाले इस पीर का काला सच सामने आ चुका है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में छांगुर के काले कारनामों का पर्दाफाश किया। प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया है कि छांगुर के एक दो नहीं कुल 40 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें 106 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा इस काले धन को व्हाइट में बदलने की पूरी रेट लिस्ट भी है।

लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की जांच से खुलासा हुआ है कि छांगुर को अधिकतर फंडिंग पश्चिम एशिया, यानी कि मिडिल ईस्ट के देशों से हुई है। यूपी के बलरामपुर जिले के रेहरा माफी गांव के रहने वाले इस मौलाना छांगुर ने करीब 3000 से 4000 लोगों का इस्लामिक कन्वर्जन करवाया था। इसमें भी 1500 से अधिक महिलाएं थीं।

कौन है ये छांगुर?

मौलाना छांगुर कोई पीर-फकीर नहीं, बल्कि अपराधी है। अब ये जेल की हवा खा रहा है। इसने आध्यात्मिकता का चोला ओढ़कर लोगों की आस्था का गलत फायदा उठाया। वह अपने अनुयायियों को चमत्कार का लालच देकर उनसे मोटी रकम वसूल करता था। मौलाना के पास काले धन को सफेद करने की एक पूरी रेट लिस्ट थी, जिसमें अलग-अलग रकम के लिए कमीशन की दरें तय थीं।

रेट लिस्ट का खुलासा

ED को एक ऐसी रेट लिस्ट मिली, जिसमें काले धन को सफेद करने की पूरी योजना लिखी थी। इसमें यह बताया गया था कि कितने पैसे का कितना प्रतिशत कमीशन लिया जाएगा। इस रेट लिस्ट ने मौलाना के पूरे कारोबार को उजागर कर दिया। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ने कई बिजनेसमैन और प्रभावशाली लोगों से मोटी रकम लेकर उनके काले धन को सफेद करने का काम किया।

कैसे पकड़ा गया मौलाना?

छांगुर उर्फ जलालुद्दीन की चालाकी तब पकड़ी गई, जब ED को उनके संदिग्ध बैंक लेनदेन की जानकारी मिली। जांच एजेंसी ने छापेमारी शुरू की और एक के बाद एक सबूत सामने आए। उसके आश्रम से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और नकदी बरामद हुई।

इसे भी पढ़ें: ‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

2022 में ही पाञ्चजन्य ने छांगुर की खोल दी थी पोल

वर्ष 2022 अपने अंतिम चरण में था, तब पाञ्चजन्य ने एक रिपोर्ट में 1500 से ज्यादा हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन कराने वाले मौलाना छांगुर ऊर्फ जलालुद्दीन के नापाक इरादों का खुलासा किया था। उस समय पाञ्चजन्य ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित की थी — “अस्पताल या कन्वर्जन का अड्डा? जलालुद्दीन ने दी SC मजदूरों को इस्लाम की दावत”। पाञ्चजन्य ने 2022 में जिस कन्वर्जन सिंडिकेट के बारे में आगाह किया था, वह और कोई नहीं, बलरामपुर का वही छांगुर पीर उर्फ जलालुद्दीन था— जिसकी पनप रही साजिश को उस रिपोर्ट में बेनकाब किया गया था।

उसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि छांगुर के हर राज के राजदार नीतू और नवीन — अब नसरीन और जमालुद्दीन बन चुके हैं। पाञ्चजन्य ने यह दावा भी किया था कि इन दोनों का मतांतरण खाड़ी देश में कराया गया है।

यह रिपोर्ट बलरामपुर के मजदूरों और ठेकेदारों पर कन्वर्जन के दबाव के आधार पर तैयार की गई थी। यही नहीं, उस समय यह भी सामने आया था कि छांगुर की छह उंगलियों वाला अपराधिक हाथ सिर्फ मनहूस इत्तेफाक नहीं था — वह अवैध जमीन कब्जे, विदेशी पैसे और मजहबी कट्टरता का प्रतीक बन चुका था। 2022 में जब यह रिपोर्ट सामने आई, तब छांगुर ने विदेशी फंडिंग के दम पर अपना दबदबा ऐसा बना रखा था कि उसके खिलाफ बोलने वाल्रे को वह (फर्जी मामले दर्ज करवा कर) मुजरिम बनवा देता।

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