प्रतीकात्मक तस्वीर
Chamba Earthquake: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में 28 अप्रैल 2025 की सुबह-सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 5:41 बजे आए इन झटकों ने कुछ पल के लिए लोगों में डर पैदा कर दिया। मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 थी। भूकंप का केंद्र चंबा में ही था, और यह जमीन से कुछ किलोमीटर की गहराई पर था। अच्छी बात ये रही कि झटके इतने हल्के थे कि कोई नुकसान नहीं हुआ। फिर भी, लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह की शांत चाय की चुस्कियों के बीच अचानक कुर्सियाँ और मेजें हिलने लगीं। चंबा के रमेश कुमार ने बताया, “हम तो बस सुबह की चाय का मजा ले रहे थे, तभी लगा जैसे कुछ हिल रहा है। पहले समझ नहीं आया, फिर जल्दी से बाहर भागे।” कुछ देर की अफरातफरी के बाद लोग समझ गए कि भूकंप के झटके थे, लेकिन शुक्र है, सब कुछ ठीक रहा।
चंबा हिमाचल का ऐसा इलाका है, जो भूकंप के लिहाज से बहुत संवेदनशील है। ये क्षेत्र भूकंप जोन IV और V में आता है, जहां छोटे-मोटे झटके अक्सर आते रहते हैं। हिमालयी क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल की वजह से भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के छोटे झटके हमें सतर्क रहने की याद दिलाते हैं, क्योंकि बड़ा खतरा कभी भी आ सकता है।
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भूकंप के बाद स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तुरंत हालात का जायजा लिया। उन्होंने पुष्टि की कि कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन ने लोगों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतें। भूकंप के समय खुले मैदान में जाना, मजबूत टेबल के नीचे छिपना या दरवाजे के ढांचे के नीचे खड़े होना सुरक्षित है। साथ ही, प्रशासन ने ये भी सलाह दी कि घर बनाते वक्त भूकंप रोधी तकनीकों का इस्तेमाल करें।
गौरतलब है कि एक दिन पहले गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में भी 4.4 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप आय़ा था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था, जो कि जमीन के 10 किलोमीटर नीचे था। अच्छी बात यह रही कि इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई। अधिकारियों ने स्थिति पर नजर रखी और लोगों से क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहने की सलाह दी। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भूकंपीय जोन IV में आता है, जो उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। इस साल फरवरी में भी दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र धौला कुआं में था।
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