मुंबई के लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया गया है। दक्षिण मुंबई में स्थित ऐतिहासिक कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त कर उसकी जगह पर नए “सिंदूर ब्रिज” का निर्माण किया गया है। इस ब्रिज का उद्घाटन गुरुवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। उन्होंने इसे मुंबईकरों को समर्पित करते हुए कहा कि यह पुल पूर्व और पश्चिम मुंबई के बीच ट्रैफिक को सुगम बनाने में मदद करेगा।
पुराना पुल, जिसे कार्नैक ब्रिज कहा जाता था, ब्रिटिश राज के एक गवर्नर जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर था। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि कार्नैक एक अत्याचारी गवर्नर था, इसलिए अब इस पुल का नाम बदलकर “सिंदूर ब्रिज” रखा गया है। उनका कहना है कि “ऑपरेशन सिंदूर” देशवासियों के दिलों में खास जगह रखता है, इसलिए यही नाम नए पुल को दिया गया। 150 साल पुराना कार्नैक ब्रिज अगस्त 2022 में सुरक्षा कारणों से गिरा दिया गया था। इसके बाद BMC (बृहन्मुंबई नगर निगम) ने नए ब्रिज का काम तेज़ी से शुरू किया। अतिरिक्त नगर आयुक्त अभिजीत बांगर की निगरानी में यह काम तेज़ी से पूरा किया गया और 10 जून 2025 तक ब्रिज बनकर तैयार हो गया। सिंदूर ब्रिज की कुल लंबाई 328 मीटर है। इसमें से 70 मीटर हिस्सा रेलवे ट्रैक के ऊपर है, और बाकी 230 मीटर दोनों तरफ के पहुंच मार्ग (सड़कें) हैं। इस पुल में दो बहुत बड़े स्टील गर्डर लगाए गए हैं, जिनमें से हर एक का वजन करीब 550 मीट्रिक टन है। दक्षिणी गर्डर 19 अक्टूबर 2024 को लगाया गया।
उत्तरी गर्डर 26 और 30 जनवरी 2025 को रेलवे का ट्रैफिक रोककर लगाया गया। इतने भारी गर्डरों को लगाना एक बहुत बड़ा इंजीनियरिंग काम था, जिसे सफ़लता से पूरा किया गया। यह पुल मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के पास है और पी.डी. मेलो रोड को क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी और मोहम्मद अली रोड जैसे व्यावसायिक इलाकों से जोड़ता है। इससे दक्षिण मुंबई के ट्रैफिक में काफी सुधार होगा और लोगों का समय भी बचेगा। सिंदूर ब्रिज आम जनता के लिए दोपहर 3 बजे से खोल दिया गया है। अब लोग इस ब्रिज का इस्तेमाल करके पूर्व से पश्चिम दिशा में आसानी और तेजी से सफर कर सकेंगे।
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