Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा पर इन संस्कृत श्लोकों के साथ करें अपने गुरु का आभार व्यक्त
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा पर इन संस्कृत श्लोकों के साथ करें अपने गुरु का आभार व्यक्त

गुरु न केवल शिक्षा देने वाले होते हैं, बल्कि वे हमारे जीवन के मार्गदर्शक और चरित्र निर्माता भी होते हैं। एक अच्छा गुरु अपने शिष्य के भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानता है और उसे निखारता है।

by Mahak Singh
Jul 10, 2025, 10:13 am IST
in भारत
Guru Purnima

Guru Purnima

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोच्च माना गया है। गुरु वह होता है जो अपने शिष्य को अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हर वर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह दिन महर्षि वेदव्यास जी की जयंती के रूप में भी जाना जाता है, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

महर्षि व्यास ने ही वेदों का संकलन किया था, महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी और पुराणों की रचना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसलिए, उन्हें सभी गुरुओं का गुरु माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन हम अपने जीवन में गुरु के महत्व को स्वीकारते हुए उनका आभार प्रकट करते हैं। इस दिन शिष्य अपने गुरु के चरणों में प्रणाम कर उनसे ज्ञान, संस्कार और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गुरु की कृपा से जीवन में सही दिशा, आत्मविश्वास और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

गुरु का महत्व और स्थान

गुरु न केवल शिक्षा देने वाले होते हैं, बल्कि वे हमारे जीवन के मार्गदर्शक और चरित्र निर्माता भी होते हैं। एक अच्छा गुरु अपने शिष्य के भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानता है और उसे निखारता है। वह अपने ज्ञान और अनुभव से शिष्य को जीवन के हर मोड़ पर सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। हमारे शास्त्रों में भी गुरु के महत्व को कई प्रकार से बताया गया है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम कुछ श्लोक साझा कर रहे हैं, जिनके माध्यम से आप गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दे सकते हैं।

“गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोबिंद दियो बताय॥”
अर्थात जब गुरु और भगवान दोनों एक साथ खड़े हों, तब पहले गुरु को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि गुरु ने ही हमें भगवान के बारे में बताया है और उनके दर्शन कराए हैं। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं

“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥”
इसका अर्थ है कि गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं, और गुरु ही शिव हैं। गुरु ही साक्षात परब्रह्म हैं, ऐसे गुरु को मैं नमस्कार करता हूँ। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं

“यस्य देवे परा भक्तिः, यथा देवे तथा गुरौ।
तस्यैते कथिता ह्यर्थाः, प्रकाशन्ते महात्मनः॥”
जिस व्यक्ति की भगवान में जैसी भक्ति हो और वैसी ही भक्ति अपने गुरु में हो, उसके लिए सभी ज्ञान अपने आप स्पष्ट हो जाते हैं। अर्थात, गुरु में सच्ची श्रद्धा और भक्ति रखने वाले को आत्मज्ञान की प्राप्ति अवश्य होती है। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं

“विद्यां ददाति विनयं, विनयाद्याति पात्रताम्।
पात्रत्वाद्धनमाप्नोति, धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥”
अर्थात गुरु से हमें ज्ञान (विद्या) प्राप्त होता है। ज्ञान से विनम्रता आती है, विनम्रता से व्यक्ति योग्य बनता है, योग्यता से धन मिलता है, और धन से धर्म की प्राप्ति होती है, जिससे अंततः सुख की प्राप्ति होती है। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं

Topics: गुरु पूर्णिमा की शुभकामना संदेशगुरु पूर्णिमा 2025guru purnima 2025guru purnima 2025 wishesguru purnima 2025 wishes in hindihappy guru purnima 2025गुरु पूर्णिमा विशेज
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा विशेष : भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने वाली अद्भुत गुरु-शिष्य परम्परा

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : पाश्चात्य विचारक भी भारत की गुरु-शिष्य परंपरा से प्रभावित, पढ़ें दार्शनिक विचार……

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies