द प्रिंट इंडिया की एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने भारत में अचानक होने वाली मौतों के पैटर्न का विश्लेषण करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन शुरू किया है। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने बुधवार (9 जुलाई) को द प्रिंट इंडिया की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट एक्स पर शेयर करते हुए इस दावे को फर्जी बताया है। पीआईबी के अनुसार केंद्र या स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग द्वारा ऐसा कोई राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण नहीं कराया जा रहा है।
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दरअसल, द प्रिंट ने मंगलवार (8 जुलाई) को अपने समाचार पोर्टल पर ‘युवा भारतीयों की अचानक मौतों और ‘कोविड लिंक’ की चिंताओं के बीच केंद्र जनसंख्या-स्तरीय अध्ययन की योजना बना रहा है’ इस शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने भारत में अचानक मौतों के पैटर्न का विश्लेषण करने के लिए पहला राष्ट्रव्यापी अध्ययन शुरू किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) नई दिल्ली स्थित स्वास्थ्य अनुसंधान संगठन आईएनसीएलईएन इंटरनेशनल के साथ मिलकर यह विश्लेषण कर रहा है।
In a news report, @ThePrintIndia has claimed that the Centre has commissioned a nationwide study to assess the pattern of sudden deaths in India.#PIBFactCheck
❌ This claim is #Fake.
✅ No such nationwide survey has been commissioned by the Centre or Department of Health… pic.twitter.com/GPsRC1hz1C
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 9, 2025
देशभर में पिछले कुछ समय से लोगों की अचानक मौत के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। ऐसे में इस तरह की गलत जानकारी फैलाने से लोग भ्रमित होते हैं। केंद्र सरकार ने भारत में अचानक होने वाली मौतों के पैटर्न का विश्लेषण करने के लिए ऐसा कोई भी राष्ट्रव्यापी अध्ययन शुरू नहीं किया है। इसलिए ऐसी फर्जी और भ्रम फैलाने वाली खबरों पर विश्वास करने से पहले आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि अवश्य करें। इसके लिए सरकार या किसी आधिकारिक संस्था के पोर्टल पर सच्चाई जरूर जांचें।
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