नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से कन्वर्जन का रैकेट चलाने वाला जमालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर पुलिस की गिरफ्त में है। उसके खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। उसकी 3 करोड़ की आलीशान कोठी पर बुलडोजर चल चुका है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी छांगुर बाबा पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
उसे विदेशों से 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग मिली थी। इसके बाद ही कन्वर्जन के इस मामले में ईडी की एंट्री हुई है। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि कन्वर्जन में मौलाना छांगुर ऊर्फ जमालुद्दीन/जलालुद्दीन और उसके गैंग को कहां से और कैसे फंडिंग मिली थी। इसके साथ ही कन्वर्जन के विदेशी कनेक्शन की भी जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं।
जमालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर धर्म परिवर्तन कराकर इस्लामिक संगठनों में अपनी पैठ बना रहा था। वह नागपुर के संगठन से जुड़कर स्वघोषित सूफी बनने की तैयारी कर रहा था। एटीएस की ओर दर्ज की गई एफआईआर में नागपुर के इदुल इस्लाम का भी नाम है। इदुल इस्लाम धर्म परिवर्तन कराने वालों को जोड़ने का काम करता था। जमालुद्दीन ने कन्वर्जन के इस खेल को विस्तार देने के लिए अपने साथ रमजान नामक शख्स को भी जोड़ा था जो हिंदू लोगों के ब्रेनवाश करने का काम करता था। उसके गैंग के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा पर भी गये।
जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर (Jamaluddin alias Maulana Changur) के आलीशान कोठी से कलावा और धार्मिक किताबें मिली हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें के माध्यम से छांगुर मासूम हिंदू लड़कियों को गुमराह करके कन्वर्जन का घिनौना खेल खेलता था। उसकी कोठी में जितने भी कमरे थे सबमें एक अटैच किचन बना हुआ था। छांगुर लंबे समय से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर उतरौला कस्बे में कन्वर्जन का घिनौना खेल खेल रहा था। वह 2015 में ग्राम प्रधान भी रह चुका है।
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