कन्वर्जन यानी मतांतरण की जिहादी मानसिकता राष्ट्र की अखंडता और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक है। यह एक संगठित कृत्य है जिसे सोच-समझ कर अंजाम दिया जाता है और सनातन धर्म के विरुद्ध एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इस खेल के पीछे, वो ही ‘सपोर्ट सिस्टम’ है जिसके मुंह से कभी ‘भारत माता की जय’ शब्द नहीं निकलते, अनादिकाल से भारत को मातृभूमि मानने के विचार को जो नकारता आया है। इसी मानसिकता का पोषक है जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर (Jamaluddin alias Maulana Changur)।
छांगुर राजनीति करते-करते कन्वर्जन का मास्टरमाइंड (Jamaluddin Mastermind of Conversion) बन गया और उसकी कोठी मतांतरण का अड्डा. फिलहाल मौलाना छांगुर ऊर्फ जमालुद्दीन/जलालुद्दीन जेल में है और कन्वर्जन के इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों और संस्थाओं की संलिप्तता का खुलासा होना बाकी है। जांच एजेंसियों को यह भी पता लगाना है कि छांगुर ने अभी तक कितनी हिंदू युवतियों का कन्वर्जन कराया है।

धर्म परिवर्तन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था मौलाना छांगुर
जमालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर धर्म परिवर्तन कराकर इस्लामिक संगठनों में अपनी पैठ बना रहा था। वह नागपुर के संगठन से जुड़कर स्वघोषित सूफी बनने की तैयारी कर रहा था। एटीएस की ओर दर्ज की गई एफआईआर में नागपुर के इदुल इस्लाम का भी नाम है। इदुल इस्लाम धर्म परिवर्तन कराने वालों को जोड़ने का काम करता था। जमालुद्दीन ने कन्वर्जन के इस खेल को विस्तार देने के लिए अपने साथ रमजान नामक शख्स को भी जोड़ा था जो हिंदू लोगों के ब्रेनवाश करने का काम करता था। उसके गैंग के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा पर भी गये।

3 करोड़ की कोठी से चलता था कन्वर्जन का खेल
मौलाना छांगुर कन्वर्जन गिरोह चला रहा था। उसका गिरोह संगठित होकर हिंदू युवतियों को बहलाकर कन्वर्जन करा रहा था। 3 करोड़ की आलीशान कोठी में रहने वाला, विदेशी चीजों का शौकीन और करंट मारने वाली दीवारों को सुरक्षा के तौर पर इस्तेमाल करने वाला मौलाना छांगुर के बारे में कहा जा रहा है कि उसके कन्वर्जन का खेल इसी कोठी से चल रहा था जो अब खंडहर हो चुकी है। सवाल यह भी है कि कैसे छांगुर अंगूठी बेचकर करोड़ों की संपत्ति का मालिक बना। उसे किस-किस देशों से कन्वर्जन के लिए पैसा मिला और इसका इस्तेमाल कैसे हुआ?
कन्वर्जन में कलावा-धार्मिक किताबों का सहारा
जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर (Jamaluddin alias Maulana Changur) के आलीशान कोठी से कलावा और धार्मिक किताबें मिली हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें के माध्यम से छांगुर मासूम हिंदू लड़कियों को गुमराह करके कन्वर्जन का घिनौना खेल खेलता था। उसकी कोठी में जितने भी कमरे थे सबमें एक अटैच किचन बना हुआ था। छांगुर लंबे समय से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर उतरौला कस्बे में कन्वर्जन का घिनौना खेल खेल रहा था। वह 2015 में ग्राम प्रधान भी रह चुका है।

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100 करोड़ की विदेशी फंडिंग, कन्वर्जन का रेट भी था फिक्स
मौलाना छांगुर को कन्वर्जन के लिए विभिन्न देशों से 100 करोड़ की फंडिंग मिली थी। इस घिनौने खेल में हिंदू धर्म की विभिन्न वर्णों की लड़कियों के कन्वर्जन के रेट फिक्स थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सरदार लड़कियों के मतांतरण के 15 लाख रुपये और पिछड़ी जातियों की लड़कियों के कन्वर्ज का रेट 10-12 लाख रुपये था। अन्य जातियों की लड़कियों के कन्वर्जन का रेट 8 से 10 लाख रुपये था। अब एटीएस के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच कर रही है।
गिरोह के साथ मिलकर ‘कन्वर्जन’ करता था जमालुद्दीन
अवैध कन्वर्जन का यह खेल छांगुर का गिरोह संगठित होकर कर रहा था। ईडी ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। अब छांगुर के नेटवर्क की तलाश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना छांगुर और उसके सहयोगियों के दो दर्जन से अधिक बैंक खाते भारत में और छह खाते विदेशों में संचालित हो रहे थे।
क्या शिक्षा के आड़ में भी कन्वर्जन कराने की तैयारी में था छांगुर?
बताया जा रहा है कि मौलाना छांगुर अपने साम्राज्य को और बड़ा करने के लिए एक डिग्री कॉलेज खोलने की तैयारी में था। इससे यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या छांगुर कन्वर्जन के लिए शिक्षा की आड़ लेने की सोच रहा था।

समाज विरोधी ही नहीं, राष्ट्र विरोधी हैं छांगुर की गतिविधियां
मौलाना छांगुर प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त बयान दिया और 8 जुलाई को प्रशासन ने उसकी कोठी पर बुल्डोजर चलाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। छांगुर की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। ऐसे अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। उनकी संपत्तियां जब्त कर कानून के दायरे में ऐसी सजा दी जाएगी, जो समाज के लिए नजीर बनेगी।
गिरोह की सदस्य नसरीन भी गिरफ्तार
एटीएस ने मौलाना छांगुर के गिरोह के सदस्य नसरीन को भी गिरफ्तार कर लिया है। कन्वर्जन के इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। छांगुर अपनी महिला मित्र नसरीन के साथ 70 दिन से लखनऊ के विकास नगर स्थित एक होटल में पति-पत्नी की तरह रह रहा था। यहीं से कन्वर्जन और लव जिहाद का खेल चलता था। छांगुर ने अपनी महिला मित्र का कन्वर्जन दुबई में करवाया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नसरीन का कन्वर्जन 16 नवंबर 2015 को दुबई के अल फारूक अमर बिन खिताब सेंटर में हुआ था।
नसरीन मूल रूप से मुंबई की है और एक सिंधी परिवार से आती है। उसने पति नवीन रोहरा और बेटी समाले के साथ 2015 में दुबई में इस्लाम कबूल किया था। कन्वर्जन के बाद नीतू का नाम नसरीन, उसके पति नवीन का नाम जमालुद्दीन और उनकी बेटी का नाम सबीहा रखा गया था।

पहले अंगूठी और नग बेची फिर राजनीति में बनाया दबदबा
मौलाना छांगुर ऊर्फ जमालुद्दीन पहले अंगूठी और नग बेचता था। सियासत में दांव आजमाने के लिए 2015 में पंचायत चुनाव में उतरा और प्रधान बना। यहीं से उसका दबदबा बढ़ा और उससे लोग जुड़े। बताया जा रहा है कि इसके बाद से ही वह कन्वर्जन के संगठित खेल में उतरा। साल 2022 के पंचायत चुनाव में उसने बेटे महबूब को प्रधान के पद पर चुनाव लड़ाने के लिए मोटी रकम खर्च की थी। उसके कन्वर्जन का रैकेट उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में चल रहा था। बलरामपुर के उतरौला में खुद को ‘पीर बाबा’ बताता था। उसने कई हिंदू परिवारों को इस्लाम कबूल करवाया था।
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