बिहार

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

शायद पहली बार बिहार के किसी उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि किशनगंज में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। विपक्ष के नेता घुसपैठ जैसी बातों को नकार रहे हैं।

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सुबोध कुमार साहा

बिहार के सीमावर्ती जिले किशनगंज में सिर्फ 6 दिन में 1.27 लाख लोगों ने आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिए हैं। इस आंकड़े को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दावा किया कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदन बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी का प्रमाण है। यह मामला राज्य की सुरक्षा और मतदाता सूची की शुद्धता से जुड़ा हुआ है। सम्राट चौधरी ने कहा कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या जमीन के दस्तावेज बनाने में समय लगता है, लेकिन आवासीय प्रमाणपत्र तुरंत बन जाता है। इसलिए लोग इसी की ओर भाग रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति साफ दिखा रही है कि बिहार, खासकर किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिले में घुसपैठियों की संख्या बहुत ज्यादा है।

किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि लोग घबराहट में आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के नए नियमों के तहत मतदाता पहचान के लिए जन्मस्थान और तारीख से जुड़े दस्तावेज अनिवार्य कर दिए गए हैं। ऐसे में लोग जल्दबाजी में आवश्यक प्रमाणपत्रों की तलाश में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर राजद और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह एक खास तबके को मतदान से बाहर करने की साजिश है। राजद के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ”जिनके पास जन्म प्रमाणपत्र या जमीन के कागज नहीं हैं, वे भी दशकों से इस देश के नागरिक हैं। अब उन्हें घुसपैठिया बताना अमानवीय है।”

विपक्ष ने मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में आज यानी 9 जुलाई को किशनगंज में एनएच-27 को जाम कर रखा है। वहीं किशनगंज के सांसद के पुत्र और सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता जैरिफ हुसैन ने सर्वोच्च न्यायालय में 8 जुलाई को एक याचिका दायर की है। इसमें 24 जून को चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी गयी है। उल्लेखनीय है कि किशनगंज बिहार का महत्वपूर्ण सीमावर्ती जिला है। जो पश्चिम में अररिया, दक्षिण-पश्चिम में पुर्णिया, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला एवं पूर्व में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले से घिरा हुआ है। इस जिले से सटे उतर दिनाजपुर जिला की सीमा पर बांग्लादेश और एवं किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, दिघलबैंक एवं टेढ़ागाछ प्रखंड सीमा से नेपाल जुड़ता है। इस नाते यह जिला बहुत ही संवेदनशील है।

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