25 साल पहले सरकार के साथ फ्रॉड करने वाली कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। वह 1999 में जांच एजेंसियों को चकमा देकर विदेश भागी थीं। सीबीआई अब मोनिका का प्रत्यर्पण करवाने में कामयाब रही। सीबीआई अधिकारी बुधवार रात तक मोनिका को लेकर भारत पहुंचेंगे।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों ने मोनिका को अमेरिका में हिरासत में लिया है। उसे अब दिल्ली लाया जा रहा है। दरअसल भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्ण संधि हुई थी। इसके तहत अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित जिला न्यायालय ने मोनिका के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। विदेश सचिव मार्को रुबियो ने भी मोनिका के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था।
अपने दो भाइयों के साथ मिलकर मोनिका ने किया था फ्रॉड
मोनिका कपूर पर 1999 में भारत सरकार के साथ फ्रॉड करने का आरोप है। उसने अपने दो भाईयों राजीव खन्ना और राजन खन्ना के साथ मिलकर ज्वैलरी व्यापार के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और इन दस्तावेजों को दिखाकर भारत सरकार से कच्चे माल के शुल्क मुक्त आयात का लाइसेंस ले लिया था।
सरकार को हुआ था 5.7 करोड़ का नुकसान
मोनिका की इस जालसाजी से भारत सरकार को 679000 अमेरिकी डॉलर (5.7 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था। भारत ने अमेरिका से 2010 में प्रत्यर्पण संधि के तहत मोनिका को सौंपने का आग्रह किया था।
हालांकि मोनिका का दावा था कि प्रत्यर्पण के बाद भारत में उसके साथ बुरा बर्ताव होगा और यह संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी कन्वेंशन का उल्लंघन होगा। लेकिन विदेश सचिव ने मोनिका के दावों को खारिज करते हुए प्रत्यर्ण को मंजूरी दे दी थी।
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