उच्च हिमालय क्षेत्र से गुजरने वाली सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियां शुरू किए जाने के निर्देश मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने दिए हैं। यह यात्रा हर 12 साल में होती है और इसे दुनिया की सबसे ऊंची धार्मिक यात्राओं में से एक माना जाता है। मां नंदा देवी के प्रतीक हिमालय के नंदा देवी शिखर के समानांतर गुजरने वाली इस यात्रा को लेकर देवभूमि के श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है।
2026 में प्रस्तावित नंदा देवी राजजात यात्रा के संबंध में मुख्य सचिव के निर्देश-
- जिलाधिकारी चमोली संबंधित विभागों के समन्वय से यात्रा संचालन हेतु एसओपी तैयार करें।
- पर्यटन, वन विभाग, जिला प्रशासन एवं संबंधित विभाग सम्पूर्ण यात्रा के लिए अपशिष्ट प्रबंधन, सेप्टिक प्रबंधन एवं स्वच्छता प्रबंधन योजना तैयार करें।
- यात्रा की पारंपरिक मौलिकता को हर हाल में बनाए रखा जाना चाहिए।
- पर्यटन विभाग यात्रा का डॉक्यूमेंटेशन करते हुए उसकी डॉक्यूमेंट्री तैयार करना चाहिए।
- निर्माण कार्यों को स्थायी और अस्थायी में विभाजित करके प्रस्ताव तैयार करें।
आगामी नंदा देवी राज जात यात्रा 2026 की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली को संबंधित विभागों एवं हितधारकों से समन्वय स्थापित कर सम्पूर्ण यात्रा को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि एसओपी में यात्रा से जुड़ी सभी बातें (व्यवस्था, सुरक्षा, संचालन, नियंत्रण आदि) शामिल होनी चाहिए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सम्पूर्ण यात्रा के लिए अपशिष्ट प्रबंधन योजना, सेप्टिक प्रबंधन और स्वच्छता प्रबंधन योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि यात्रा में भाग लेने वाले लोगों को सुविधा मिले और पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों को स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति में विभाजित कर दिया जाए तथा तदनुसार प्रस्ताव तैयार किए जाएं। यदि कार्यों को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट की आवश्यकता हो तो उसकी मांग करें तथा विभाग अपने बजट से अनुरक्षण या नियमित कार्य पूरा करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिन कार्यों को तत्काल पूरा किया जाना आवश्यक है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए तथा यथाशीघ्र शुरू किया जाए। मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को यात्रा की ऐतिहासिकता, विशिष्टता और मान्यता को ध्यान में रखते हुए इसका दस्तावेजीकरण करने तथा इसकी डॉक्यूमेंट्री तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यात्रा की मौलिकता बनाए रखने का ध्यान रखा जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली तथा जिलाधिकारी अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ से यात्रा से संबंधित फीडबैक भी प्राप्त किया तथा यात्रा की तैयारी से संबंधित उनकी आवश्यकताओं की भी जानकारी ली। बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव दिलीप जावलकर, सचिन कुर्वे, डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, धीरज गर्बियाल, पुलिस महानिरीक्षक के.एस. नागन्याल सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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