इजरायल और ईरान के मध्य हुए 12 दिनों के युद्ध के दौरान इजरायल ने ईरान में जमकर तबाही मचाई है। इस बात का दावा संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत ने किया है। इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के दौरान हमने तेहरान पर पूरी हवाई श्रेष्ठता हासिल करते हुए उसके परमाणु ठिकानों, हवाई क्षेत्रों और बैलिस्टिक मिसाइलों के स्थलों पर हमला किया।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हम लोगों ने ईरान के आधे से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल लांचरों को तबाह कर दिया, जो कि इजरायल और पूरी दुनिया के लिए खतरा बने हुए थे। अपने अभियान के दौरान 1000 से अधिक मानव रहित हवाई वाहनों को नष्ट कर दिया और हमारे शहरों पर दागी गई 90 फीसदी मिसाइलों को हवा में ही तबाह कर दिया गया। ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के दौरान एक भी इजरायली विमानों को हमने नहीं गंवाया।
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मिडिल ईस्ट पर हो रही थी चर्चा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मध्य पूर्व के मुद्दे पर चर्चाएं हो रही थीं। डैनी डैनन ने ये भी स्पष्ट किया कि ईरान में अभियान के दौरान हमने केवल सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया। हमने केवल शासन की युद्ध मशीन को निशाना बनाया और उनके लोगों को नहीं। इजरायल ने कहा कि ये युद्ध के दौरान नैतिक रेखा है, जिसका सम्मान ईरान कभी नहीं करेगा। इसके साथ ही इजरायल ने ईरान पर आरोप लगाया कि ईरान ने युद्ध के दौरान जानबूझकर हमारी नागरिक आबादी वाले केंद्रों पर हमला किया।
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610 लोगों के मारे जाने का दावा
इस बीच ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इजरायल के हमले में उसके 610 लोग मारे गए और 4700 लोग घायल हुए थे। वहीं ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अली खामेनेई के वरिष्ठ सैन्य सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने कहा कि अमेरिकियों और इजरायलियों को पता होना चाहिए कि हम उन्हें छोड़ने नहीं वाले। हम दुश्मनों को चेतावनी देते हैं वे अगर वे धमकियों की नई लहर शुरू करते हैं।
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