इजरायल ईरान के खिलाफ रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। उसने ईरान में एक बार फिर से जबर्दस्त हमला किया है। ईरानी न्यायपालिका ने आरोप लगाया है कि इविन जेल पर इजरायल के हमले में 71 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। ज्युडिशियरी के प्रवक्ता असगर जहांगीर का कहना है कि मारे गए लोगों में प्रशासनिक कर्मचारी, सैनिक, कैदी, कैदियों के परिवार के सदस्य जो कानूनी मामलों को देखने या संभालने आए थे और जेल के आस-पास रहने वाले पड़ोसी शामिल थे।
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एक और अधिकारी की मौत
इजरायली स्ट्राइक में एक और ईरानी वरिष्ठ अधिकारी की मौत हो गई है। मारे गए अधिकारी की पहचान मेहदी नेमाती के तौर पर हुई है, जो कि कानून प्रवर्तन खुफिया संगठन (FARAJA) के सांस्कृतिक और सामाजिक मामलों के उप अधिकारी थे। इस बात का दावा ईरान की पुलिस कमान ने किया है। देश की सरकारी मीडिया ने बताया कि नेमाती ने सीरिया और इराक में कासिम सुलेमानी के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।
ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू को हत्या की धमकी
उससे पहले ईरान के सर्वोच्च लीडर अयातुल्ला खामेनेई के समर्थन वाले कायहान अखबार में एक आर्टिकल छापा जाता है, जिसमें खामेनेई के हवाले से लिखा गया कि डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू को जीने का कोई हक नहीं है। कट्टरपंथी अखबार ने तेहरान में इजरायल के द्वारा खत्म किए गए वरिष्ठ कमांडरों के अंतिम संस्कार को लेकर एक लेख लिखा है, उसमें वह लिखता है, “इमाम हुसैन के राष्ट्र ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप और नेतन्याहू को जिंदा नहीं रहना चाहिए।”
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गौरतलब है कि इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के लिए सबसे पहले 13 जून को स्ट्राइक शुरू की थी।
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