कोलकाता । दक्षिण कोलकाता के कसबा इलाके के एक लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक कॉलेज का पूर्व छात्र और वर्तमान में पेशे से वकील बताया गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह घटना बुधवार शाम लगभग 7:30 बजे से रात 10:50 बजे के बीच कॉलेज परिसर के अंदर घटी। पीड़िता ने घटना के तुरंत बाद कसबा थाने में एफआईआर दर्ज कराई। आरोप है कि कॉलेज परिसर में ही तीन युवकों ने उसे जबरन अपनी हवस का शिकार बनाया।
क्या चार्ज करने के बाद चार्जर को प्लग में लगा हुआ छोड़ देने से बिजली की खपत होती है?
शिकायत के बाद कसबा थाना पुलिस ने गुरुवार रात सिद्धार्थ शंकर राय शिशु उद्यान के पास से दो आरोपितों—मनोजित मिश्रा (उम्र 31 वर्ष) और जायब अहमद (उम्र 19 वर्ष)—को हिरासत में लेकर पूछताछ की। रात में ही तीसरे आरोपित प्रमित मुखर्जी (उम्र 20 वर्ष) को भी ढूंढ निकाला गया और तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने तीनों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। साथ ही पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कराया गया। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।पुलिस ने शुक्रवार को तीनों आरोपितों को अलीपुर अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
वहीं इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “इस जघन्य अपराध में शामिल तीन आरोपितों में से मुख्य आरोपित के रूप में तृणमूल छात्र परिषद के प्रभावशाली नेता मनोजीत मिश्रा (31) की पहचान हुई है। पुलिस ने उसे गुरुवार शाम तालबागान क्रॉसिंग के पास सिद्धार्थ शंकर राय चिल्ड्रन पार्क के सामने से गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, दो और आरोपितों जाइब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) को भी गिरफ्तार किया गया है।”
शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा है कि यह घटना केवल एक आपराधिक कृत्य नहीं है, बल्कि यह तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन के नेताओं द्वारा शिक्षण संस्थानों को दूषित करने का ज्वलंत प्रमाण है। कॉलेज कैंपस जैसी पवित्र जगह, जहां छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, वहां ऐसी बर्बरता हमारे समाज के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल के छात्र नेता बार-बार अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर शैक्षणिक संस्थानों में भय और अराजकता का माहौल बना रहे हैं।
अधिकारी ने यह भी मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष और तेज़ी से जांच हो, और आरोपितों की राजनीतिक पहचान को नजरअंदाज करते हुए उन्हें कठोरतम सजा दी जाए। साथ ही उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की अपील की, ताकि भविष्य में तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन के नेता इस तरह की घटनाओं को दोहराने का साहस न कर सकें।
शिक्षक संघ ने जताया कड़ा विरोध, सत्तारूढ़ दल के करीबी पर लगाए आरोप
इस घटना के विरोध में अब जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जुटा) सामने आया है। जुटा ने एक बयान जारी कर दोषियों को कठोर सजा देने और सभी शैक्षणिक परिसरों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में जुटा ने कहा कि मुख्य आरोपित कॉलेज का ही पूर्व छात्र और कर्मी है, जिसकी सत्तारूढ़ पार्टी से करीबी संबंधों की खबरें मीडिया में सामने आई हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लंबे समय से छात्रसंघ चुनाव न होने के कारण कॉलेजों पर अब पूर्व छात्रों का कब्जा हो गया है, और वे परिसर को असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बना रहे हैं।
मौलाना हाफिज की गंदी करतूत बेनकाब, कितनी छात्राओं को बनाया हवस का शिकार?
जूटो ने इस घटना की तुलना आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में पूर्व में घटित घटनाओं से की और कहा कि जब पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता, तो इस तरह के अपराधों को परोक्ष रूप से प्रोत्साहन मिलता है।उन्होंने आशंका जताई कि इस बार भी पुलिस-प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर सकता है, जैसा कि राज्य में पहले कई बार देखा गया है।
बयान में यह भी कहा गया कि हम त्वरित न्याय और दोषियों को उदाहरणात्मक सजा की मांग करते हैं। साथ ही, हम पितृसत्तात्मक और बलात्कार समर्थक मानसिकता के खिलाफ समाज और व्यवस्था दोनों स्तरों पर संघर्ष जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
छात्रा के साथ गैंगरेप की इस जघन्य घटना का राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर तीन दिन के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है।राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर गहरी चिंता व्यक्त की और बीएनएस के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत तत्काल और समयबद्ध जांच का निर्देश दिया है।
उन्होंने पीड़िता को बीएनएसएस की धारा 396 के तहत मुआवजे के साथ-साथ पूर्ण चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। इस मामले के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह वारदात सुनियोजित थी।
टिप्पणियाँ