मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के चंदला नगर से धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां ‘चंगाई सभा’ के नाम पर लोगों को ईसाई मत अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन सभाओं में बीमार लोगों के इलाज और महिलाओं के मानसिक विकास के नाम पर कार्यक्रम किए जाते हैं, लेकिन असली मकसद लोगों का धर्म बदलवाना होता है।
नवभारतटाइम्स डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि इन सभाओं में खासकर महिलाओं और बच्चियों को बुलाया जाता है। वहां उन्हें बताया जाता है कि प्रभु यीशु ही सच्चे भगवान हैं और हिंदू देवी-देवता सिर्फ पत्थर की मूर्तियाँ हैं। धीरे-धीरे लोग अपने घरों से देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और तस्वीरें हटा देते हैं।
दो हफ्ते पहले चंदला में एक बड़ी चंगाई सभा हुई थी, जिसमें करीब 30 गांवों से 200 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इनमें से करीब 180 लोग पहले हिंदू थे, लेकिन अब वे ईसाई मत अपनाने लगे हैं। सभा में शामिल एक महिला ने बताया कि वहां मौजूद पास्टर ने कहा कि जब तक घर से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ नहीं हटाओगे, तब तक बीमारी ठीक नहीं होगी। इस तरह की बातें सुनकर लोग डर जाते हैं और मजबूरी में धर्म परिवर्तन की ओर बढ़ते हैं।
इस सभा की मुख्य आयोजक एक महिला है, जिसका नाम सीमा बताया गया है। सीमा खुद पास्टर है और उसके परिवार के कई लोग पहले ही ईसाई मत अपना चुके हैं। उसकी मां दो बार नगर परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं और उसके पिता सिंचाई विभाग में ड्राइवर हैं। हिंदू संगठनों का कहना है कि जिले के करीब 200 गांवों में ऐसे ही प्रयासों से लगभग 20% लोग ईसाई मत अपना चुके हैं। उन्होंने प्रशासन और सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर चिंता और नाराजगी है। कई लोग अब जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं ताकि भोले-भाले लोग धोखे का शिकार न हों।
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