इजरायल और ईरान के बीच हुए 13 दिन के युद्ध के मध्य युद्ध विराम को लेकर खामेनेई से चर्चा तक नहीं की गई, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है, जबकि खामेनेई ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध की शुरुआत में ही खामेनेई और उनके बेटे मोजतबा समेत सभी परिवार के सदस्यों को उत्तर-पूर्व तेहरान के लाविजान बंकर में छुपा दिया गया था। अब समाचार एजेंसी ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में ये दावा किया है कि इजरायल के साथ युद्धविराम को लेकर खामेनेई सहमत नहीं थे, लेकिन ईरानी बलों ने इस मामले में उनका पक्ष जानने की कोशिश तक नहीं की। उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया।
खामेनेई ने घोषित किया था उत्तराधिकारी
खामेनेई को दरकिनार किए जाने की बात उस घटना के बाद प्रकाश में आई है, जब हाल ही में इजरायल के तेज होते हमलों के बीच खामेनेई को इस बात का डर सताने लगा था कि कहीं उनकी हत्या न हो जाए। अपनी इसी आशंका के मद्देनजर उन्होंने तीन मौलवियों को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
खामेनेई ने दिया अलग ही बयान
खास बात ये है कि खामेनेई को दरकिनार किए जाने की बात की पुष्टि इस बात से भी होती है कि मंगलवार को युद्धविराम लागू होने के बाद खामेनेई ने अपना पहला सार्वजनिक बयान जारी किया, जिसमें एक टीवी पर दावा किया कि ईरान ने इजरायल को हरा दिया है। उन्होंने कहा कि जायोनी शासन लगभग घुटनों पर आ चुका है। अमेरिका को भी कड़ा थप्पड़ लगा है।
आम ईरानी खामेनेई के दावों का उड़ा रहे मजाक
इस बीच ईरान इंटरनेशनल ने सबमिशन लाइन के जरिए बोलने वाले ईरानियों ने खामेनेई के इजरायल पर जीत वाले दावे का मखौल उड़ाया। ईरानियों ने कहा कि अगर युद्ध के पहले 10 मिनट में रिवोल्युशनरी गार्ड के कमांडरों की हत्या को जीत माना जाता है, तो खामेनेई को अपने भ्रम में ही जीने दें। लोगों का कहना है कि हमने इस्लामिक गणराज्य की हार को अपनी आंखों से देखा और महसूस किया है।
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