'हर तरफ तबाही, सूखे चावल बने सहारा' : फाल्गुनी ने बताया तेहरान का आंखों देखा हाल, जताया मोदी सरकार का आभार
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘हर तरफ तबाही, सूखे चावल बने सहारा’ : फाल्गुनी ने बताया तेहरान का आंखों देखा हाल, जताया मोदी सरकार का आभार

तेहरान युद्ध के बीच फंसे बंगाल के पर्वतारोही फाल्गुनी देय की 'ऑपरेशन सिंधु' के जरिए भारत वापसी की साहसी कहानी, 3000 KM सड़क यात्रा के बाद मिली राहत

by WEB DESK
Jun 24, 2025, 09:00 pm IST
in भारत, पश्चिम बंगाल
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कोलकाता (हि.स.) । तेहरान में युद्ध के हालात के बीच करीब 11 दिनों तक संघर्ष करने के बाद पश्चिम बंगाल के पर्वतारोही और कोलकाता के भूगोल प्रोफेसर फाल्गुनी देय आखिरकार कोलकाता लौट आए हैं। दिल्ली से एयर इंडिया की फ्लाइट जैसे ही सुबह लगभग आठ बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी, फाल्गुनी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके। उनकी आंखों में राहत, डर और आभार के मिले-जुले भाव थे।

40 वर्षीय फाल्गुनी देय ने मंगलवार को इन 11 दिनों की त्रासदी को याद करते हुए बताया कि ईरान में अपने ठहराव के दौरान न केवल जान का जोखिम उठाया, बल्कि करीब तीन हजार किलोमीटर का सड़क का सफर भी तय किया। वे 13 जून को ईरान से भारत लौटने वाले थे, लेकिन तेहरान हवाई अड्डा युद्ध की वजह से बंद हो गया, जिससे वे वहीं फंस गए।

युद्ध के साए में बीता हर दिन बना चुनौती

फाल्गुनी 11 जून को तेहरान लौटे थे, जब उनका माउंट डेमावंद पर्वत की चढ़ाई का प्रयास असफल रहा। 13 जून को उनकी वापसी की फ्लाइट थी, लेकिन उसी रात तेहरान एयरपोर्ट बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने 16 जून को सड़क मार्ग से तेहरान छोड़कर अलग-अलग सीमा चौकियों से ईरान से निकलने की कोशिश की। सबसे पहले वे 500 किलोमीटर की कठिन यात्रा कर अज़रबैजान की अस्तारा सीमा तक पहुंचे, लेकिन यहां बिना विशेष इमिग्रेशन कोड के उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं मिली।

पांच रातें उन्होंने वहीं सीमा टर्मिनल के प्रतीक्षालय में गुजारीं। होटल का खर्च वहन करने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने सड़क किनारे ढाबों में खाना खाया और कई बार सॉफ्ट ड्रिंक के साथ सूखा चावल भी खाया। बाद में उन्होंने अर्मेनिया का वीज़ा मांगा, लेकिन वह भी अस्वीकार हो गया।

आखिरकार 21 जून को उन्होंने 1600 किलोमीटर की एक और सड़क यात्रा की योजना बनाई और 20 घंटे की नॉनस्टॉप टैक्सी यात्रा के बाद माशहद शहर पहुंचे। लेकिन रास्ते में नेशाबूर नामक स्थान पर ईरानी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उनके सामान की तलाशी ली गई, डायरी की प्रविष्टियों का अनुवाद करवाया गया और मोबाइल ऐप्स तक की जांच की गई।

माशहद पहुंचने के बाद भारतीय दूतावास ने उन्हें होटल एहसान में ठहराया और उनके रहने-खाने का पूरा इंतजाम किया। भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सरकार ने माशहद और आस-पास के कम-से-कम सात होटलों को बुक किया था।

‘ऑपरेशन सिंधु’ के जरिए सुरक्षित वापसी

23 जून को फाल्गुनी को दूतावास से फोन आया कि उन्हें उस रात दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा। लगभग आठ बजे माशहद हवाई अड्डे पर भारतीय नागरिकों को लेकर पांच बसें पहुंचीं। रात 11 बजे माहान एयर की फ्लाइट ने उड़ान भरी और अगले दिन सुबह चार बजे दिल्ली पहुंची।

दिल्ली हवाई अड्डे पर पश्चिम बंगाल सरकार के दो अधिकारी उन्हें लेने पहुंचे थे। इसके बाद वे एयर इंडिया की फ्लाइट से कोलकाता लौटे।

‘सरकार का आभार, पर पर्वतारोहण नहीं छोड़ूंगा

फाल्गुनी ने कहा, “ईरान में हर दिन मौत का साया था, लेकिन भारतीय दूतावास और सरकार की बदौलत मैं सुरक्षित घर लौट पाया। मैं इसके लिए जितना शुक्रिया कहूं, कम है।”

हालांकि इस भयानक अनुभव के बावजूद उनका पर्वतारोहण का जुनून कम नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में वे पापुआ न्यू गिनी के माउंट गिलूवे पर चढ़ाई की योजना बना रहे हैं और उसका इरादा अब भी कायम है।

Topics: Mashhad embassy helpऑपरेशन सिंधुIran war Indian citizensफाल्गुनी देयFalgunidey rescue storyभारत सरकार बचाव अभियानOperation Sindhu explainedपर्वतारोही बचावIndia Iran war citizens evacuationविदेश में भारतीयों की सुरक्षाMashhad Indian Embassy helpतेहरान से निकासीTehran rescueFalgunidey Iran rescueIndian climber in IranTehran crisisIndian evacuation from IranOperation Sindhu
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

थैंक्यू मोदी जी… : ईरान से लौट मुस्लिम दंपत्ति ने जताया केंद्र सरकार का आभार

ईरान से वापस आई निदा तो शौहर बोला- ‘वापस आने से बढ़िया, वहीं शहीद हो जाती’

290 Indian evacuated from Iran

ऑपरेशन सिंधु: भारत ने ईरान से 290 नागरिकों को सुरक्षित निकाला, आज 1000 और पहुंचेंगे

ऑपरेशन सिंधु : इजरायल से भारतीयों की वापसी शुरू, ईरान से तनाव के बीच भारत का बड़ा कदम

ऑपरेशन सिन्धु : ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच 110 भारतीय छात्र सुरक्षित लौटे, विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा को बताया प्राथमिकता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

पंजाब : पाकिस्तानी जासूस की निशानदेही पर एक और जासूस आरोपित गिरफ्तार

छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट

Exclusive: क्यों हो रही है कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई दबाने की साजिश? केंद्र सरकार से फिल्म रिलीज की अपील

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था  (File Photo)

अमदाबाद Boing दुर्घटना की रिपोर्ट ने कई देशों को चिंता में डाला, UAE और S. Korea ने दिए खास निर्देश

भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए

पूर्वोत्तर में फिर से अवैध घुसपैठ पर बड़ा प्रहार : दो दलों ने बाहर बाहर निकलने की उठाई मांग

राहुल गांधी खुद जमानत पर हैं और हमें जेल भेजने आये थे: हिमंत बिस्वा

आइए भारतीय सेना का हिस्सा बनिए : अग्निवीर से चिकित्सा कोर में भर्ती होकर करें देश की सेवा

…तो मैं आत्महत्या कर लूंगी : सामने आया ओडिशा पीड़िता का पत्र, लिखा- वो बार-बार मुझे धमकी दे रहे हैं

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies