पहलगाम आतंकी हमले के मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एजेंसी ने 26 निरपराध लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले आतंकियों को शरण देने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों में पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के ही हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर शामिल हैं। इन दोनों ने जांच एजेंसी के सामने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है, और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में अपनी छुट्टियां मनाने के लिए गए पर्यटकों की पाकिस्तानी आतंकियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। खास बात ये रही कि आतंकियों ने केवल हिन्दुओं का धर्म पूछकर उनकी हत्या की थी। इस हमले में 26 हिन्दुओं की मौत हो गई थी। इसके अलावा 16 अन्य घायल भी हुए थे।
इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित इन आतंकियों के खात्मे के लिए 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में 100 किमी अंदर तक घुसकर आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह किया। इसमें जैश ए मोहम्मद के पूरे परिवार समेत 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे। इसके अलावा लश्कर के ट्रेनिंग कैंप समेत अन्य आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान ने चीनी मिसाइलों और तुर्की के ड्रोन की मदद से भारत पर हमला कर दिया है, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस ने सभी को तबाह कर दिया।
बाद में पाकिस्तान ने अपनी परमाणु मिसाइल शाहीन से भी हमला किया, लेकिन उसे भी एस-400 एय़र डिफेंस ने तबाह कर दिया। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर से जबर्दस्त पलटवार किया औऱ पाकिस्तान के 11 एय़रबेस, हथियार ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस प्रहार के बाद पाकिस्तान ने 10 मई को ही सरेंडर कर दिया।
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