देश की राजधानी दिल्ली से चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है, जहां दिल्ली पुलिस ने एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। ये अवैध ड्रग्स की फैक्ट्री महरौली इलाके में बीते तीन साल से चोरी-छिपे चलाई जा रही थी। इसे नाइजीरियाई लोगों का रैकेट संचालित कर रहा था, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
डार्क वेब के जरिए चल रहा था गोरखधंधा
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी इस गोरखधंधे को बीते तीन वर्षों से संचालित कर रहे थे। इसके लिए बहुत ही हाई टेक तरीके डार्क वेब के जरिए संचालित किया जा रहा था। आरोपी डार्क वेब के जरिए ही ये आरोपी कूरियर की डिलीवरी करते थे और ऑर्डर लेते थे।
क्या है डार्क वेब?
डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया की वह काली स्याह दुनिया है, जहां सामान्य लोग पहुंचने की सोच भी नहीं सकते हैं। डार्क वेब पर अधिकतर अपराधियों, ड्रग्स पेडलर, आतंकियों और अन्य असामाजिक तत्वों की सक्रियता होती है। जहां वह लोगों की नजर से बचकर अपने मिशन को अंजाम देते हैं। चूंकि वीपीएन के जरिए ही डार्क वेब में पहुंचा जा सकता है, इसलिए सामान्य इंटरनेट इन तक पहुंच भी नहीं पाता है।
नाइजीरिया से ड्रग्स बनाना सीखा अब भारत में बेच रहे
इस गोरखधंधे को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम को एक सीक्रेट इनपुट मिलता है कि महरौली के एक कमरे में अवैध तरीके से ड्रग्स बनाया जा रहा है और उसे बाजार में बेचा भी जा रहा है। जब पुलिस ने छापा मारा तो वहां का दृश्य देख उनके भी होश उड़ गए। सामान्य कूरियर की आड़ में बहुत ही व्यवस्थित तरीके से ड्रग्स की तस्करी भारत और नेपाल तक की जा रही थी। जब पुलिस ने समाज को खोखला कर रहे इन अपराधियों को पकड़ा तो पता चला कि इन लोगों ने अपने देश नाइजीरिया में ड्रग्स बनाने की तकनीक सीखी थी।
ये जो ड्रग्स बना रहे थे, वह बहुत ही हाई क्वालिटी का ड्रग्स था। इन सभी के पास से पुलिस कोकीन, ड्रग्स, केमिकल और भी कई अन्य वस्तुएं मिलीं। फिलहाल इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है औऱ इनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को खंगाला जा रहा है।
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