छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में ईसाई बनाए गए 6 लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी कर ली। इन सभी लोगों को अच्छी शिक्षा, अच्छी लाइफ स्टाइल और अच्छे भविष्य का लॉलीपॉप दिखाकर ईसाई बनाया गया था।
इन लोगों को अपनी गलती का अहसास हुआ और सनातन धर्म में वापसी की। इन्होंने हिन्दू संगठनों से मदद मांगी थी और फिर कबीरधाम के मंदिर में इनकी घर वापसी हुई। इस मौके पर सनातन संस्कारों के अनुरूप इन सभी लोगों के लिए विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की गई। यज्ञ औऱ हवन किए गए और इस दौरान घर वापसी करने वाले लोगों को सनातन धर्म के मूल्यों, जैसे अहिंसा, सत्य, और कर्म के महत्व पर प्रकाश डाला गया। स्थानीय लोगों ने फूल-मालाओं और तिलक लगाकर इनका स्वागत किया, जिससे माहौल उत्सवमय हो गया।
7 साल पहले हुआ था धर्मान्तरण
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, करीब सात साल पहले लंउवाराम, अमासोबाई, पंकज राम, सूरजभान दास, वशिष्ठ मुनि दास और लक्ष्मनिया बाई को ईसाई मिशनरियों ने बरगलाकर ईसाई बना दिया गया था।
आध्यात्मिक खोज बना कारण
सनातन धर्म अपनाने वाले 6 लोगों में विभिन्न पृष्ठभूमि के व्यक्ति शामिल थे। इनमें से कुछ ने बताया कि वे सनातन धर्म की शिक्षाओं और संस्कृति से प्रभावित होकर यह निर्णय लिया। एक व्यक्ति ने कहा, “सनातन धर्म की सहिष्णुता और जीवन के प्रति इसका दृष्टिकोण मुझे बहुत प्रभावित करता है। मैं इसे अपनाकर गर्व महसूस कर रहा हूं।” इन लोगों ने अपने पुराने धर्म को छोड़ने के पीछे व्यक्तिगत अनुभव और आध्यात्मिक खोज को कारण बताया।
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