आयरलैंड में एक ऐसे स्थान की खुदाई लगभग 800 नवजातों और बच्चों के अवशेषों को सामने लाने के लिए की गई जो कभी चर्च द्वारा संचालित होम था। यहां अविवाहित लड़कियां और उनके बच्चे रहा करते थे। इनमें से अधिकांश अवशेष एक सेप्टिक टैंक के नीचे मिले हैं।
स्थानीय इतिहासकार कैथरीन कोरलेस ने स्काई न्यूज को बताया कि अधिकतर नवजात को सेसपूल में फेंक दिया गया था, जिसे तुआम, काउंटी गैल्वे के छोटे शहर में पूर्व संस्थान में “पिट अर्थात गड्ढे” के रूप में जाना जाता था। कैथरीन ने ही यह पता लगाया था कि वर्ष 1925 से लेकर वर्ष 1961 के बीच अविवाहित महिलाओं के लिए बने होम बंद होने तक 798 बच्चों की मौत हुई थी। उनका कहना है कि इनमें से दो बच्चों को नजदीकी कब्रगाह में दफनाया गया है और शेष 796 को वहीं पर दफना दिया गया।
कैथरीन ने ही वर्ष 2014 में यह पता लगाया था कि जहां पर पहले चर्च द्वारा संचालित केंद्र था, वहां पर लगभग 800 बच्चे दफन हैं और इसकी जांच कराई जाए। अब एक दशक बाद यह कार्यवाही हो रही है। हालांकि इसे अभी पूरा होने में दो वर्ष का समय लगेगा। हालांकि जब सेप्टिक टैंक से 1975 में 12 वर्ष के दो बच्चों की हड्डियां मिलीं थीं तो स्थानीय लोगों का मानना था कि हड्डियां 1840 के अकाल के पीड़ितों की हैं।
होम में ये महिलाएं रहती थीं
तुआम में कैथोलिक नन द्वारा संचालित सैंट मैरी’ज होम में वे महिलाएं रहती थीं, जिनके गर्भ में शादी से बाहर के संबंधों के कारण बच्चा ठहरता था। वे वहां पर शर्म के कारण रहती थीं। यह ऐसे 10 होम में से एक था, जिनमें कई दशकों तक लगभग 35,000 एकल महिलाएं रहा करती थीं। ऐसे होम में अविवाहित गर्भवती महिलाएं बच्चों को जन्म देने के लिए भेजी जाती थीं और वे वहां पर एक वर्ष तक बिना किसी पैसे के काम भी करती थीं। उन्हें उनके बच्चों से अलग कर दिया जाता था और जब तक उन्हें गोद नहीं लिया जाता था, तब तक उनका पालन-पोषण नर्स करती थीं। बच्चों को उनकी मां की अनुमति के बिना गोद दे दिया जाता था।
चाइल्ड ऑफ सिन कहा गया
आयरलैंड में खुदाई डीएनए मिलान का कार्य लगभग दो वर्ष तक चलेगा। यह इतिहास के उस काले अध्याय को बताता है, जिसमें महिलाओं के प्रति क्रूर व्यवहार शामिल है। जहां यह उद्देश्य होना चाहिए था कि बलात्कार पीड़िताओं को न्याय दिलाया जाए, वहां पर उन्हें ऐसे संबंधों के कारण ठहरे गर्भ के चलते एक अजीब पीड़ा से गुजरना पड़ता था और फिर उनका बच्चा भी उनके पास नहीं रहता था। न जाने कितनी माताओं के आंसुओं से भीगा होगा सेंटर! बलात्कार को नहीं, बल्कि उससे पैदा होने वाले बच्चे को “चाइल्ड ऑफ सिन” कहा जाता था।
छह महीने में हो गई बच्ची की मौत
यह चौंकाने वाला उदाहरण एनेट मैके ने दिया, जो अभी मैनचेस्टर में रहती हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मां मारग्रेट मैगी ने वर्ष 1942 में एक लड़की को जन्म दिया था। जो उनके साथ 17 वर्ष की उम्र में हुए बलात्कार का परिणाम थी। मैरी मारग्रेट नामक इस बच्ची की मौत छह महीने बाद ही हो गई थी। एनेट को अपनी दिवंगत मां की यह बात याद आती है, “वह कपड़े धो रही थी और एक नन उसके पीछे आई और बोली तुम्हारे सिन का बच्चा मर गया है!” 71 वर्षीय एनेट मैके का कहना है कि तुआम आयरलैंड के एक अलग समय का प्रतिनिधित्व करता है। हमने बलात्कार के पीड़ितों को बंद कर दिया, हमने अनाचार के पीड़ितों को कैद कर दिया, हमने हिंसा के पीड़ितों को बंद कर दिया, हमने उन्हें लॉन्ड्रियों में डाल दिया, हमने उनके बच्चों को ले लिया और उन्हें चर्च को सौंप दिया ताकि वे जो चाहें करें। उन्होंने अपनी मां के विषय में कहा , “मेरी मां गर्भवती होने पर भी बहुत काम करती थी, फर्श साफ करती थी और एक नन ने मेरी मां के पेट में लात मारी थी।”
हजारों में है संख्या
एनेट कहती हैं कि अब रहस्य खुल रहा है। कैसे 798 बच्चे दफन कर दिए गए। यह आठ सौ तो केवल कुछ आंकड़े हैं, ऐसे बच्चों की संख्या हजारों में है। आयरलैंड सरकार ने 2021 में सरकारी रूप में औपचारिक क्षमा मांगी थी, जब एक जांच में आयरलैंड के मदर्स और बेबी होम्स में “शिशु मृत्यु दर का भयावह स्तर” पाया गया था, और निष्कर्ष निकाला गया था कि जांच की गई 18 संस्थाओं में लगभग 9,000 बच्चों की मृत्यु हुई थी।”
कनाडा में भी कई आवासीय स्कूलों में मिले थे सैकड़ों बच्चों के कंकाल
जहां आयरलैंड में उन बच्चों के कंकाल मिल रहे हैं, जो बलात्कार या किसी अन्य कारण से अविवाहित महिलाओं की कोख से पैदा हुए थे, तो वहीं कनाडा का भी मामला इस घटना के कारण ताजा हो गया है। वर्ष 2021 में सैकड़ों कंकाल एक आवासीय स्कूल से मिले थे। मई 2021 में ब्रिटिश कोलंबिया के कैमलूप्स इंडियन रेज़िडेन्शियल स्कूल में 215 बच्चों की कब्रें मिली थी तो वहीं जून 2021 में सास्काचेवान में आदिवासी बच्चों के लिए बने एक पुराने रेज़िडेन्शियल स्कूल में एक के बाद एक 751 कब्रें मिलीं थीं। कनाडा को लेकर यह अनुमान है कि वहां के ऐसे आवासीय स्कूलों में अब तक 6000 से अधिक बच्चों की मृत्यु हुई थी और यह मौत इसलिए हुई कि उन्हें कथित रूप से कल्चर्ड बनाया जा रहा था। उन्हें भी उनके अभिभावकों से छीनकर ऐसे आवासीय स्कूल्स में रखा जाता था और ऐसे अधिकांश स्कूल्स का प्रशासन रोमन कैथोलिक चर्च के हाथों में था।
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