आसिम मुनीर (बाएं से) और डोनाल्ड ट्रंप
पाकिस्तानी सेना के प्रमुक फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अमेरिका के दौरे पर गए, वहां बंद कमरे में डोनाल्ड ट्रंप के साथ दो घंटे तक बातचीत की। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच ईरान इजरायल युद्ध, भारत-पाकिस्तान तनाव, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच व्यापार समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान मुनीर ने अमेरिका को ईरान पर हमले के लिए अपने एय़रबेस और अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है।
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस में किसी पाकिस्तानी सेना प्रमुख की यह पहली आधिकारिक मेजबानी थी, जिसमें कोई वरिष्ठ नागरिक अधिकारी शामिल नहीं था। इस मुलाकात को अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जो पहले ट्रम्प और बाइडेन प्रशासन के दौरान भारत के पक्ष में झुका हुआ था। ट्रंप ने मुनीर से कहा कि वो पाकिस्तान से प्रेम करते हैं। इस मुलाकात के दौरान चर्चा का अहम बिन्दु ईरान और इजरायल का युद्ध रहा। ट्रंप ने मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पाकिस्तान “ईरान को बहुत अच्छे से जानता है” और इस मुलाकात में क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा हुई।
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कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका, जो इजरायल का समर्थन कर रहा है, पाकिस्तान से अपनी हवाई पट्टियों या अन्य रणनीतिक सहायता की मांग कर सकता है ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया जा सके। हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इजरायल की आक्रामकता की निंदा की है और मुस्लिम देशों से एकजुट होने का आह्वान किया है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान वाकई अमेरिका के साथ इस मुद्दे पर सहमत हुआ है।
मुनीर के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर अपने मुंह मिया मिट्ठू वाली हरकत की। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष को रोकने में मदद की। हालांकि, एक बार फिर से भारत सरकार ने कड़े शब्दों में इससे इंकार कर दिया है।
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मुनीर की व्हाइट हाउस यात्रा ने न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचाई, बल्कि घरेलू स्तर पर भी विवाद शुरू कर दिया है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों ने वाशिंगटन में मुनीर के खिलाफ प्रदर्शन किए, उन्हें “तानाशाह” और “पाकिस्तानियों का हत्यारा” करार दिया। हालांकि, मुनीर का अमेरिका दौरा कई सारे सवाल खड़े करता है। सवाल ये कि क्या पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, खासकर ईरान-इजरायल संघर्ष के संदर्भ में? कुछ विशेषज्ञों का कहना है, ईरान के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत कर सकती है?
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