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Israel Iran War: ईरान के फोर्डो संयंत्र पर ट्रंप की नजर: बंकर-बस्टिंग बम या परमाणु हथियार?

डोनाल्ड ट्रंप फोर्डो परमाणु संयंत्र को नष्ट करने के लिए सैन्य और खुफिया अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। बंकर-बस्टिंग बमों की प्रभावशीलता पर संदेह, परमाणु हथियार एकमात्र विकल्प? न्यूयॉर्क टाइम्स और सीबीएस न्यूज की ताजा रिपोर्ट्स।

Published by
Kuldeep Singh

इजरायल और ईरान युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हर कीमत पर ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट को नष्ट करने का मन बना लिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर सैन्य और खुफिया अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की है। ट्रंप को बताया गया है कि ईरान को कूटनीतिक रूप से इस साइट को स्वयं नष्ट करने के लिए राजी किया जा सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो सैन्य कार्रवाई एकमात्र विकल्प हो सकता है। एक सूत्र ने कहा, “ट्रंप का मानना है कि ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। फोर्डो को नष्ट करना जरूरी है।”

न्यूयॉर्क टाइम्स और सीबीएस न्यूज की हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। अभी तो डोनाल्ड ट्रंप सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक दबाव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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सैन्य कार्रवाई के जोखिम और बंकर-बस्टिंग बम

सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप को उनके अधिकारियों ने बताया है कि ईरान कितनी तेजी से परमाणु हथियार विकसित कर सकता है। सैन्य रणनीति के तहत बंकर-बस्टिंग बमों, जैसे जीबीयू-57, का उपयोग फोर्डो को निष्क्रिय करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, गार्जियन ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया कि ट्रंप को इस बम की प्रभावशीलता पर संदेह है। पेंटागन की रक्षा खतरा न्यूनीकरण एजेंसी ने चेतावनी दी है कि फोर्डो की गहराई के कारण पारंपरिक हथियार इसे नष्ट करने में सक्षम नहीं हैं। केवल सामरिक परमाणु हथियार ही इसे पूरी तरह नष्ट कर सकते हैं। हालांकि, अभी इस पर विचार नहीं हो रहा है।

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दूसरी तरफ सीआईए के निदशक जॉन रैटक्लिफ ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चेताया है कि वह परमाणु बम हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों के हवाले से बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां मानती हैं कि ईरान ने अभी तक परमाणु बम बनाने का अंतिम निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि फोर्डो संयंत्र पर अमेरिकी हमले या ईरान के सर्वोच्च नेता की हत्या जैसे उकसावे की स्थिति में तेहरान परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में तेजी से बढ़ सकता है। यह

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