ब्रिटेन में अब गर्भपात को लेकर सबसे लचीला कानून बन गया है। ब्रिटेन की संसद ने एक ऐसा कानून पारित किया है, जिसे लेकर अभी हंगामा मचा हुआ है। ब्रिटेन की संसद ने विक्टोरिया युग के गर्भपात के कानून को हटा दिया है।
इस कानून के अंतर्गत 24 सप्ताह की गर्भावस्था तक ही गर्भपात मान्य है और वह भी दो डॉक्टर्स की अनुमति के बाद। उसके बाद यदि महिला गर्भपात का विकल्प चुनती है तो उसे अधिकतम उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। रेउटर्स के अनुसार ब्रिटेन में हालांकि इस कानून को तोड़ने को लेकर आपराधिक दंड बहुत ही दुर्लभ है, परंतु जब से कोविड 19 के बाद यह कानून बना कि दस सप्ताह की गर्भधारण अवधि के भीतर गर्भपात करने के लिए गर्भपात की दवाई खाई जा सकती है तो उसके बाद से महिलाओं पर मुकदमे बढ़ गए हैं।
अब जो कानून बना है, उसमें गर्भपात करने पर महिलाओं को दंड देने का प्रावधान समाप्त कर दिया है। हालांकि उन मेडिकल पेशेवरों को जरूर सजा मिलेगी जो महिलाओं को 24 सप्ताह की गर्भधारण अवधि के बाद गर्भपात में सहायता करते हैं।
इसे कानून को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। क्योंकि अब उन महिलाओं पर किसी भी प्रकार की सजा का प्रावधान नहीं है, जो 24 सप्ताह से अधिक के भ्रूण की हत्या करेंगी। अब उन्हें पुलिस का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इस कानून का विरोध करने वालों का कहना है कि इसके कारण अब महिलाएं पूर्ण रूप से विकसित भ्रूण का भी गर्भपात करने से नहीं हिचकेंगी।
लेबर पार्टी की सांसद टोनिया एन्टोनियाजी ने इस बिल को प्रस्तुत किया था। इस बिल का समर्थन अधिकतर लेबर और सभी ग्रीन सांसदों ने किया। टोनिया के अनुसार वर्तमान कानून के अंतर्गत पिछले पाँच वर्षों में लगभग 100 महिलाओं की जांच की गई थी और जिनमें से कुछ महिलाएं ऐसी थीं, जिन्होनें समय से पहले बच्चे को जन्म दिया था या फिर प्रताड़ित करने वाले पार्टनर्स द्वारा जबरन गर्भपात कराया गया था।
हालांकि इस का विरोध भी संसद में हुआ। एक कंजरवेटिव सांसद रेबेका पॉल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह कानून बनता है तो चूंकि महिला को कोई सजा नहीं मिलेगी तो ऐसे में पूरी तरह से विकसित बच्चे भी गर्भपात का शिकार बन सकते हैं।
हालांकि इस के बाद भी लेबर की सांसद स्टेला क्रेयसी ने और संशोधन करते हुए यह तक मांग की थी कि 1861 ऑफेन्सेस अगैन्स्ट द पर्सन एक्ट के हर गर्भपात संबंधी क्लॉज़ को समाप्त कर दिया जाए, जो गर्भपात को मना करता है और गर्भपात को मानवाधिकार के रूप में माना जाए।
अर्थात ऐसा कानून बना दिया जाए जिससे कभी भी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भपात करवाया जा सके। क्रेयसी ने पूछा कि आखिर सांसद इतने पुराने कानूनों पर अटके क्यों रहना चाहते हैं। क्रेयसी के प्रस्ताव को बहस से पहले 108 सांसदों का समर्थन प्राप्त था, परंतु ब्रिटिश प्रेग्नेंसी एडवाएजरी सर्विसेज़ सहित अबॉर्शन प्रवाइडर्स ने इस संशोधन का यह कहते हुए विरोध किया कि यह “पीढ़ीगत परिवर्तन” हासिल करने का सही तरीका नहीं है, इसलिए इस संशोधन पर वोट नहीं किया गया।
हालांकि जिस संशोधन पर वोट किया गया था, वह भी कम खतरनाक नहीं है क्योंकि इसमें महिला कभी भी गोलियों या किसी अन्य साधन द्वारा गर्भपात कर सकती है और उस पर किसी भी प्रकार का कोई दंड नहीं है।
हालांकि कंजर्वेटिव शैडो हेल्थ मिनिस्टर डॉ. कैरोलीन जॉनसन ने तीसरा संशोधन पेश किया, जिसका उद्देश्य गोलियों से गर्भपात को रोकना था, जिसमें गर्भवती महिला को गर्भपात के लिए दवा निर्धारित करने से पहले व्यक्तिगत परामर्श लेना अनिवार्य था।
जॉनसन का संशोधन गिर गया, जिसमें 379 सांसदों ने इसके खिलाफ और 117 ने इसके पक्ष में मतदान किया।
जॉनसन के संशोधन को पिछड़ा कहते हुए इसका विरोध किया गया।
सोशल मीडिया पर नए कानून का विरोध हो रहा है। लोग कह रहे हैं, अब इसके बाद जन्म से एक दिन पहले भी महिलाएं गर्भपात कर सकेंगी:
🚨THE UK IS ABOUT TO LEGALIZE ABORTIONS UP UNTIL BIRTH
– This is really happening
– It’s been lead by insane Labour MP’s
– This would mean babies could be aborted just hours before they are born@miriam_cates breaks it all down ⬇️THIS IS SO WRONG! pic.twitter.com/Jyf2LrEveB
— Basil the Great (@Basil_TGMD) June 12, 2025
लोगों का कहना है कि बच्चों के बलात्कारियों पर कदम न उठा पाने वाली लेबर सरकार ने पूरी अवधि के गर्भपात कर इतनी जल्दी कदम कैसे उठा लिया?
Not content with shielding predominantly muslim child rapists for decades.
This Labour government have just legalised abortion up to full term.
So expect this in Britain and for longer pregnancies.
We live in a demonically run country imo.pic.twitter.com/ln2T3ZvXW8
— Nikki Plummer 💜🤍💚 (@nikki_plummer) June 17, 2025
लोग कह रहे हैं कि ब्रिटेन में सबसे चरम गर्भपात समर्थक कानून हैं। एक यूजर ने लिखा कि हम शब्दों के जाल के बीच न जाएं। हम इसे समझ जाएं कि यह जन्म से एक दिन पहले तक गर्भपात को अनुमति है।
लोग कह रहे हैं कि यह भयावह है। यह देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए भी काला दिन है।
तो वहीं ऐसे भी लोग हैं जो इसे मानवता की जीत बता रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि इससे उन महिलाओं को राहत मिलेंगी जो सिस्टम में फंस जाती हैं।
हालांकि अभी इस संशोधन का कानून बनना शेष है क्योंकि यह भी हो सकता है कि हाउस ऑफ लॉर्ड्स इस संशोधन को ठुकरा दें।
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