आज के बदलते दौर में छात्रों के लिए कॅरियर का चुनाव एक जटिल चुनौती है, क्योंकि तेजी से बदलता सामाजिक, तकनीकी और आर्थिक परिदृश्य निर्णय लेना कठिन बना देता है। पहले कॅरियर के विकल्प सीमित थे, लेकिन अब विकल्प के तौर पर डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन, यूएक्स डिजाइन, एआई, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन जैसे असंख्य क्षेत्र हैं। छात्रों के लिए इतने विकल्पों के बीच अपनी रुचि, क्षमता और बाजार की मांग के अनुसार स्वयं को संतुलित करना कठिन हो जाता है। दूसरी ओर, उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत और शिक्षा ऋ ण का बोझ छात्रों पर दबाव डालता है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट, संसाधनों और कॅरियर गाइडेंस की कमी एक बड़ी चुनौती है।
छात्रों को अक्सर यह समझ नहीं आता कि रुचि और स्किल्स के हिसाब से वे कौन-सा कॅरियर चुनें। सामाजिक दबाव (जैसे-डॉक्टर, इंजीनियर बनने का) और बदलते जॉब मार्केट के बीच संतुलन बनाना मुश्किल है। ऊपर से नौकरी की अनिश्चितता, लगातार अपस्किलिंग का दबाव और सोशल मीडिया पर तुलना के कारण तनाव बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए, कई छात्र इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, लेकिन बाद में मार्केटिंग या कंटेंट क्रिएशन जैसे क्षेत्रों में चले जाते हैं। एआई, डेटा साइंस, क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसी नई तकनीकों के कारण पारंपरिक कॅरियर के मार्ग भी बदल रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद हाइब्रिड/रिमोट वर्क के चलन से नए स्किल्स (जैसे रिमोट कम्युनिकेशन) की मांग बढ़ी है। ऐसे में छात्रों के समक्ष यह मुश्किल होती है कि भविष्य में कौन से स्किल्स प्रासंगिक रहेंगे।
दूसरी ओर, वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। हर साल लाखों छात्र डिग्री हासिल करते हैं, लेकिन नौकरियां सीमित हैं। हालांकि, तेजी से बदलती तकनीक, स्टार्टअप्स और फ्रीलांसिंग के बढ़ते चलन ने अवसर तो दिए, लेकिन इसके लिए आत्मविश्वास, नेटवर्किंग और उद्यमशीलता की जरूरत है। विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में 85 मिलियन नौकरियां ऑटोमेशन से प्रभावित होंगी, जबकि 97 मिलियन नई नौकरियों के लिए रास्ते खुलेंगे, जिनमें नए स्किल्स की मांग होगी। इसलिए छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ डिजिटल स्किल्स जैसे-कोडिंग, डेटा एनालिसिस, साइबर सिक्योरिटी आदि सीखने की जरूरत है, जो कई बार स्कूल-कॉलेज पाठ्यक्रम में शामिल नहीं होते।
नई शिक्षा नीति ने बदला प्रारूप
इन सब बातों को देखते हुए 12वीं कक्षा के बाद कॅरियर का चयन प्रत्येक छात्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय होता है, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जिन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित (पीसीएम) विषयों का अध्ययन किया हो। बी.टेक इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ऐसा पाठ्यक्रम है, जो विज्ञान (पीसीएम) के छात्रों को उभरती प्रौद्योगिकियों में कॅरियर बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। नई शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत, इस पाठ्यक्रम को उद्योग की मांगों के अनुरूप अधिक लचीला, प्रायोगिक, परियोजना-आधारित और अंतर्विषयक बनाया गया है, ताकि छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। साथ ही, पाठ्यक्रम में सामाजिक विज्ञान, नैतिकता और उद्यमिता जैसे विषय छात्रों को समग्र विकास प्रदान करते हैं। बी.टेक इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर विज्ञान के एक विशेष क्षेत्र के रूप में एआई और मशीन लर्निंग पर केंद्रित है-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) : मशीनों को मानव-जैसी बुद्धिमत्ता प्रदान करने की तकनीक, जिसमें तार्किक निर्णय लेना, पैटर्न पहचान और स्वचालन शामिल है।
- मशीन लर्निंग : यह एआई का एक उपक्षेत्र है, जो मशीनों को डेटा से स्वयं सीखने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। इसमें सुपरवाइज्ड, अनसुपरवाइज्ड और रीइन्फोर्समेंट लर्निंग
शामिल हैं। - डीप लर्निंग : न्यूरल नेटवर्क्स पर आधारित तकनीक, जो जटिल डेटा पैटर्न को समझने और विश्लेषण करने में उपयोगी है।
- नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) : मशीनों को मानव भाषा को समझने और संसाधित करने की क्षमता प्रदान करता है, जैसे चैटबॉट्स और वॉयस असिस्टेंट।
- कंप्यूटर विजन : मशीनों को छवियों और वीडियो से जानकारी निकालने और व्याख्या करने में सक्षम बनाता है, जैसे स्वचालित वाहनों में उपयोग।
- डेटा एनालिटिक्स और बिग डेटा : डेटा के विश्लेषण और प्रबंधन के लिए तकनीकों का अध्ययन, जो निर्णय लेने और भविष्यवाणी में सहायक है।
- रोबोटिक्स : बुद्धिमान रोबोट्स के डिजाइन और निर्माण से संबंधित क्षेत्र।
- नैतिकता और एआई : एआई के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग पर जोर, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सामाजिक रूप से प्रासंगिक शिक्षा के लक्ष्य के अनुरूप है।
पात्रता एवं प्रवेश प्रक्रिया
एनईपी ने दाखिला प्रक्रिया को भी अधिक समावेशी बनाया है, जिसमें बहु-प्रवेश और बहु-निकास विकल्प शामिल हैं। कोर्स के दौरान छात्रों को डिप्लोमा या सर्टिफिकेट के साथ बाहर निकलने की सुविधा दी गई है, जो उन्हें कार्य-तत्पर बनाती है। यानी, छात्र अपनी गति और रुचि के अनुसार डिग्री पूरी कर सकते हैं। बी.टेक इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में दाखिले के लिए अभ्यर्थी का मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 (पीसीएम) में न्यूनतम 50-60 प्रतिशत अंकों में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कुछ संस्थानों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को छूट दी जाती है। अधिकांश संस्थान राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं में स्कोर के आधार पर दाखिला देते हैं।
आईआईटी, एनआईटी जैसे शीर्ष संस्थानों के लिए जईई मेन और जेईई एडवांस्ड परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। एमएचटी-सीईटी, केसीईटी, एपी ईएएमसीईटी जैसी राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा, निजी विश्वविद्यालयों के लिए वीआईटीईई, एसआरएमजेईईई, बीआईटीएसएटी तथा एनईपी-2020 के तहत कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) भी आयोजित की जाती है। चयनित उम्मीदवारों के लिए कुछ विश्वविद्यालय व्यक्तिगत साक्षात्कार और काउंसलिंग सत्र भी आयोजित करते हैं। योग्य उम्मीदवारों को काउंसलिंग के बाद सीट आवंटित की जाती है। एनईपी के तहत काउंसलिंग में छात्रों की रुचि और योग्यता को प्राथमिकता दी जाती है। कुछ संस्थान मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी देते हैं, जैसे- वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी (वीआईटी) में जीवीएसडीपी स्कॉलरशिप।
कॅरियर अवसर
पढ़ाई पूरी करने के बाद अभ्यर्थी विभिन्न उद्योगों में एआई इंजीनियर, मशीन लर्निंग इंजीनियर, रोबोटिक्स इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, डेटा एनालिस्ट, एनएलपी विशेषज्ञ और अनुसंधान वैज्ञानिक के तौर पर अपना आकर्षक कॅरियर बना सकते हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, आईबीएम, एक्सेंचर, डेलोइट, एडोब जैसी टेक दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अलावा टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल जैसे भारतीय कंपनियों के अलावा स्टार्टअप्स जैसे-ओला, उबर, स्विग्गी और जोमैटो आदि में रोजगार के भरपूर अवसर हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा, वित्त, ऑटोमोटिव और साइबर सुरक्षा में भी अभ्यर्थी अपना कॅरियर बना सकते हैं। एनईपी ने उद्योग-उन्मुख शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देकर इन अवसरों को और बढ़ाया है। शीर्ष संस्थानों से डिग्री प्राप्त करने वाले और प्रासंगिक इंटर्नशिप या परियोजना अनुभव वाले उम्मीदवारों को उच्च वेतन पैकेज मिलने की संभावना अधिक होती है।
कुल मिलाकर बी.टेक इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग विज्ञान संकाय (पीसीएम) छात्रों के लिए एक आशाजनक कॅरियर विकल्प है, जो उन्हें उभरती प्रौद्योगिकियों में अग्रणी बनने का अवसर प्रदान करता है। छात्रों को इस पाठ्यक्रम का चयन करने
से पहले अपनी रुचि, संस्थान की प्रतिष्ठा और भविष्य की संभावनाओं पर गहन शोध करना चाहिए। यह पाठ्यक्रम न केवल तकनीकी उत्कृष्टता प्रदान करता है, बल्कि एक ऐसी दुनिया में योगदान करने का अवसर देता है जो एआई और मशीन लर्निंग द्वारा संचालित हो रही है।
कहां लें दाखिला?
देश में ऐसे कई संस्थान हैं, जहां बी.टेक इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की पढ़ाई होती है। खास बात यह है कि इन संस्थानों ने नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम को एआईसीटीई और यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाया है, जिसमें प्रायोगिक शिक्षण और इंटर्नशिप पर जोर दिया गया है। इनमें कुछ प्रमुख हैं-
- आईआईटी हैदराबाद : यह एआई और मशीन लर्निंग में अनुसंधान और उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है। संस्थान ने कई प्रमुख उद्योगों (जैसे-गूगल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, क्वालकॉम), विशष रूप से एआई और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में साझेदारी स्थापित की है, जो अनुसंधान, विकास और नई प्रौद्योगिकियों के निर्माण में सहायक हैं। एआई और मशीन लर्निंग में इसका प्लेसमेंट रिकॉर्ड शानदार है। 2021 में यहां का उच्चतम पैकेज सालाना 56 लाख रुपये रहा।
- आईआईटी रुड़की : यह देश के सबसे प्रतिष्ठित और अग्रणी तकनीकी संस्थानों में से एक है और एआई और एमएल के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। 2024 में यह संस्थान एनआईआरएफ की सूची में शीर्ष पर था। इस संस्थान में अनुसंधान की सुविधा है और इसका प्लेसमेंट रिकॉर्ड भी अच्छा है।
- एनआईटी सूरतकल (कर्नाटक) : यह संस्थान देश में कंप्यूटर विज्ञान और एआई और एमएल के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अनुसंधान के अलावा इस संस्थान में छात्रों के लिए उन्नत कैंपस सुविधाएं भी हैं।
- वीआईटी वेल्लोर : यह निजी विश्वविद्यालयों में शीर्ष पर है। यहां उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और स्कॉलरशिप की सुविधा भी है। उद्योगों के साथ इसका गहरा संबंध छात्रों को व्यावहिरक अनुभव, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के असाधारण अवसर उपलब्ध कराता है।
- एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई : यहां एआई और मशीन लर्निंग में विशेष पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इस संस्थान का उद्योगों से भी काफी मजबूत और विविधतापूर्ण संबंध है। इसने विभिन्न उद्योगों के साथ साझेदारी की है, ताकि छात्रों को उन्नत शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी मिल सके।
- अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबतूर : अनुसंधान और इंजीनियरिंग शिक्षा में यह उच्च रैंकिंग पर है। यहां छात्रों के लिए विकसित वातावरण, उद्योग संबंधित प्रयोगशाला और कंपनियों द्वारा प्रायोजित परियोजनाएं जैसे अनेक अवसर हैं।
- मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी : यहां एआई और मशीन लर्निंग में प्रायोगिक शिक्षा दी जाती है और यह अभ्यर्थियों को वैश्विक स्तर पर इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान करता है। इस संस्थान की टीसीएस, विप्रो, एक्सेंचर, माइक्रोसॉफ्ट, इन्फोसिस और अमेजन जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी है।
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय : यह निजी विश्वविद्यालयों में शीर्ष पर है। उद्योग सहयोग और आधुनिक सुविधाओं के मामले में भी यह बेहतर है। इसने उद्योगों के साथ मिलकर एआई और एमएल के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान शुरू किया है।
- एमएसआरआईटी बेंगलुरु : बेंगलुरु में तकनीकी कंपनियों के निकट होने के कारण यहां इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसर हैं।
- पनीमलार इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई : पीईटी में भी एआई और मशीन लर्निंग में विशेषज्ञता, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सेल उपलब्ध है।
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