अंडमान सागर में तेल के विशाल भंडार का पता चला है, जो कि देश के लिए बड़ा मौका है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अंडमान सागर में गयाना जैसे विशाल तेल भंडार की खोज होने के कगार पर है। इस खोज में लगभग 2 लाख करोड़ लीटर (लगभग 22 बिलियन बैरल) कच्चे तेल के भंडार की संभावना है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को $3.7 ट्रिलियन से $20 ट्रिलियन तक ले जा सकता है। यह खोज न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती है, बल्कि देश को वैश्विक तेल बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में कहा है कि 2016 के बाद से सरकार ने तेल और गैस की खोज को गति दी है। इसके तहत ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के तहत 3.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के सेडिमेंट्री बेसिन में से करीब 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अन्वेषण के लिए खोल दिया गया है। OALP के 9वें दौर में 38% बिड्स इन नए क्षेत्रों के लिए थे, और अगले दौर में यह हिस्सा 80% तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, 1948 के पुराने नियमों को बदलकर नए ऑयल फील्ड्स रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट अमेंडमेंट बिल ने नियामक स्पष्टता प्रदान की है।
ONGC ने की रिकॉर्ड ड्रिलिंग
तेल खोज के क्षेत्र में भारत सरकार बहुत ही गंभीर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने वित्तीय वर्ष 2024 में ONGC ने 541 कुएं खोदे, जिनमें 103 अन्वेषण और 438 डेवलपमेंट कुएं शामिल हैं। यह 37 वर्षों में सबसे अधिक है। कंपनी ने इस दौरान ₹37,000 करोड़ का रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय भी किया। पुरी ने कहा, “गयाना में 41वें कुएं पर तेल मिला था, प्रत्येक की लागत $100 मिलियन थी। भारत में भी अब ऐसा ही कुछ होने वाला है।”
उल्लेखनीय है कि मौजूदा वक्त की बात करें तो भारत फिलहाल अपनी कुल जरूररत का करीब 85 फीसदी आयात करता है। इसी के साथ हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आय़ातक देश हैं। फिलहाल, असम, गुजरात, राजस्थान, मुंबई हाई और कृष्णा गोदावरी बेसिन में भी तेल का उत्पादन करता है। इसके अलावा भी कई राज्यों में भी तेल का भंडार पाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज भारत की अर्थव्यवस्था में $20 ट्रिलियन तक का योगदान दे सकती है, जिससे जीडीपी 5 गुना बढ़ सकती है।
ऑयल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी रंजीत राठ ने कहा कि तेल की कीमतों में स्थिरता अन्वेषण प्रयासों की योजना बनाने में मदद करती है। कंपनी ने 2023-24 में रिकॉर्ड ड्रिलिंग और उत्पादन हासिल किया, और अब अंडमान में ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी है। भारत का लक्ष्य 2030 तक 4 मिलियन मेट्रिक टन कच्चा तेल और 5 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन करना है।
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