संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के बाद, अब भारत में 41% लोग किसी न किसी रूप में योग कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 24.6% लोगों ने योग के माध्यम से अपनी फिटनेस में सुधार महसूस किया, 16.9% ने तनाव में कमी महसूस की, तथा लगभग 25% ने कहा कि योग से स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है।
इस सर्वे में देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 30,084 परिवारों से बात की गई। इसमें शहरी और ग्रामीण – दोनों क्षेत्रों को शामिल किया गया। 11.2% लोग नियमित रूप से योग करते हैं। यानी वे योग क्लास में जाते हैं या रोज अभ्यास करते हैं। 13.4% लोग कभी-कभी योग करते हैं। वहीं 75.5% लोग योग नहीं करते।
केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (CCRYN) के निदेशक डॉ. राघवेंद्र राव ने बताया कि जब हम कहते हैं कि 41% लोग योग को अपना चुके हैं, तो इसमें सिर्फ शारीरिक योग (आसन) ही नहीं बल्कि प्रार्थना, ध्यान, और आत्म-अभ्यास जैसे मानसिक और भावनात्मक योग भी शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में 12.6% लोग नियमित रूप से योग करते हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में ये आंकड़ा 10.4% है। पुरुषों में 11.6% और महिलाओं में 10.7% लोग नियमित योग करते हैं।
18-24 साल की उम्र के युवाओं में योग की जागरूकता सबसे अधिक है। जबकि 65 साल से ऊपर के लोगों में 17% लोग नियमित योग करते हैं। योग करने वाले 36.2% लोगों को पहले मधुमेह, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और गैस जैसी परेशानियां थीं। उन्होंने कहा कि योग करने से उन्हें इन बीमारियों में बहुत आराम मिला।’हरित योग’ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का एक खास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य है योग के साथ-साथ पर्यावरण की भी रक्षा करना।
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