रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का चौथा साल चल रहा है। शुरू में तो लगा कि रूस के सामने यूक्रेन टिक ही नहीं पाएगा, लेकिन नाटो की मेहरबानी के कारण यूक्रेन अभी तक युद्ध में टिका हुआ है। इस युद्ध के दौरान हजारों की संख्या में मौतें दोनों ही तरफ से हो चुकी हैं। इस बीच यूक्रेन रूस पर बड़ा आरोप लगाया है। उसने रूस पर अपने देश के 20,000 से अधिक बच्चों का अपहरण करने का आरोप लगाया है। साथ ही कथित तौर पर अपहृत बच्चों को वापस करने की मांग की है।
genocidewatch.com की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन का आरोप है कि रूस ने 2022 से रूस-नियंत्रित यूक्रेनी क्षेत्रों से लगभग 20,000 बच्चों का जबरन अपहरण कर लिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ, एंड्री यरमक का कहना है कि इन बच्चों की वापसी “रूस की शांति प्रक्रिया के प्रति ईमानदारी का पहला परीक्षण” हो सकती है। 2 जून को इस्तांबुल में चल रही शांति वार्ता के दौरान, यूक्रेनी राजनयिकों ने रूसी प्रतिनिधियों को 339 बच्चों की एक सूची सौंपी, जिन्हें वे वापस चाहते हैं। हालांकि, रूस की बच्चों के अधिकार आयुक्त मारिया ल्वोवा-बेलोवा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सूची में केवल 339 नाम हैं, न कि 20,000-25,000, और रूस प्रत्येक मामले पर काम करेगा।
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रूस बोला-हमने युद्ध क्षेत्रों से बच्चों को बचाया
रूस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि बच्चे युद्ध क्षेत्रों से उनकी सुरक्षा के लिए “बचाए” गए थे। हालांकि, यूक्रेन और येल विश्वविद्यालय के ह्यूमैनिटेरियन रिसर्च लैब जैसे संगठनों का कहना है कि रूस इन बच्चों को “री-एजुकेशन” शिविरों में ले जा रहा है, जहां उन्हें रूसी भाषा, संस्कृति और इतिहास सिखाया जाता है, ताकि उनकी यूक्रेनी पहचान मिटाई जा सके। येल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 8,400 बच्चे रूस और बेलारूस में 60 सुविधाओं में रखे गए हैं।
व्लॉदिमीर जेलेंस्की ने लगाए गंभीर आरोप
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लॉदिमीर जेलेंस्की ने बच्चों के कथित अपहरण को लेकर एक बयान में कहा था कि ये अपहरण “अराजक” नहीं हैं, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा हैं, जिसके तहत रूसी अधिकारी और यूक्रेनी सहयोगी “फिल्ट्रेशन” प्रक्रिया के माध्यम से माता-पिता को प्रताड़ित करते हैं और बच्चों को उनकी यूक्रेनी पहचान से वंचित करते हैं। उल्लेखनीय है कि कथित तौर पर “बच्चों के गैरकानूनी निर्वासन और हस्तांतरण” के मामले में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने वर्ष 2023 में ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मारिया ल्वोवा-बेलोवा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था।
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